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रायपुर। दंतेवाड़ा में फंगस वाले ऑपरेशन थियेटर में मोतियाबिंद ऑपरेशन में गड़बड़ी के बाद आंबेडकर अस्पताल लाए गए 11 में से आठ मरीजों का दोबारा ऑपरेशन किया गया। इन मरीजों की आंखों में इंफेक्शन फैल गया था। इस वजह से दोबारा ऑपरेशन करना पड़ा। वहीं, दो मरीजों को दोबारा ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं है, इनकी आंखों में फैले इंफेक्शन को दवाओं के सहारे से ठीक किया जा सकता है। वहीं, एक मरीज की स्थिति नाजुक बनी हुई है। उन्हें एक दो दिन दवाएं देकर आंखों का संक्रमण कम करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि संक्रमण कम होने के बाद ही इनका ऑपरेशन किया जाएगा।
इसी बीच प्रोटोकाल की अनदेखी करने पर दंतेवाड़ा जिला अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ गीता नेताम, नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो, स्टाफ नर्स ममता वैदे को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 18 और 20 अक्टूबर को 20 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंखों में इंफेक्शन फैल गया। इंफेक्शन की शिकायत के बाद इन मरीजों को आंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने की मुलाकात
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल अस्पताल में भर्ती मरीजों और स्वजनों से मुलाकात करने पहुंचे। मंत्री ने स्वजनों और मरीजों से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के स्टाफ और चिकित्सकों से भी बात कर उन्हें बेहतर काम करने और मरीजों की उचित देख देख करने के निर्देश दिए।
दंतेवाड़ा से 11 मरीजों आंबेडकर अस्पलात लाया गया था, जिसमें से आठ मरीजों की दोबारा सर्जरी की गई है। शेष मरीजों के आंखों में इंफेक्शन की शिकायत ज्यादा है। इंफेक्शन कंट्रोल होने बाद जो स्थिति बनेगी, वैसा करेंगे। डा. संतोष सोनकर, अधीक्षक आंबेडकर अस्पताल
प्रोटोकाल का पालन नहीं, नेत्र सर्जन निलंबित
दंतेवाड़ा नेत्र कांड की जांच के लिए स्वास्थ्य संचालनालय की तरफ से तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी। टीम ने दंतेवाड़ा पहुंचकर जांच किया। जांच में प्रथम दृष्टया मोतियाबिंद सर्जरी के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन समुचित पालन नहीं किया गया। अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने की वजह से नेत्र सर्जन डा. गीता नेताम को निलंबित कर दिया गया है।