सरकार ने संपत्ति अधिकारों को लेकर किए महत्वपूर्ण बदलाव ! बेटे का माता-पिता की संपत्ति पर तब तक नहीं होगा हक,

www.khabarwala.news

schedule
2024-10-23 | 10:44h
update
2024-10-23 | 10:44h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
सरकार ने संपत्ति अधिकारों को लेकर किए महत्वपूर्ण बदलाव ! बेटे का माता-पिता की संपत्ति पर तब तक नहीं होगा हक,

raipur@khabarwala.news

हाल ही में सरकार ने संपत्ति अधिकारों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे-बेटियों के बीच समानता लाना है। 2024 में लागू हुए इन नियमों से परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि माता-पिता अपनी कमाई की संपत्ति का उपयोग अपनी इच्छा से कर सकें।

इन नए नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जैसे माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर बच्चों का अधिकार समाप्त करना, बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हक देना, और संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों का समान अधिकार सुनिश्चित करना। इन बदलावों से परिवारों में संपत्ति को लेकर होने वाले झगड़े कम होंगे और सभी को न्यायसंगत हिस्सा मिल सकेगा।

 

संपत्ति अधिकार के नए नियम क्या हैं?

2024 में लागू हुए नए संपत्ति कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे-बेटियों के बीच समानता लाना है। आइए इन नए नियमों को विस्तार से समझें:

 

नियम विवरण

स्वयं अर्जित संपत्ति पर माता-पिता का पूरा अधिकार माता-पिता अपनी कमाई की संपत्ति को अपनी मर्जी से किसी को भी दे सकते हैं

बेटियों को बराबर का हक पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी बेटों के बराबर हिस्सा मिलेगा

विवाह के बाद भी बेटी का हक शादी के बाद भी बेटी का पैतृक संपत्ति पर अधिकार बना रहेगा

संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी का हक संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों का बराबर अधिकार होगा

वसीयत का महत्व माता-पिता की वसीयत को सर्वोपरि माना जाएगा

बच्चों की जिम्मेदारी माता-पिता की देखभाल न करने वाले बच्चों के अधिकार सीमित हो सकते हैं

स्वयं अर्जित संपत्ति पर माता-पिता का पूरा अधिकार

नए नियमों के अनुसार, माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर उनके बच्चों का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा। इसका मतलब है:

Advertisement

माता-पिता अपनी कमाई की संपत्ति को अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकते हैं

बच्चे इस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते, चाहे वे बेटे हों या बेटियां

माता-पिता चाहें तो अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को भी दे सकते हैं

यदि माता-पिता बिना वसीयत किए मर जाते हैं, तभी बच्चों को यह संपत्ति मिलेगी

यह नियम माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें अपनी कमाई की संपत्ति के बारे में निर्णय लेने की आजादी देता है।

बेटियों को बराबर का हक

नए कानून में बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार दिया गया है। इसके मुख्य प्रावधान हैं:

पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी बेटों के बराबर हिस्सा मिलेगा

यह नियम पिता की संपत्ति पर लागू होगा, चाहे वह विभाजित हो या अविभाजित

बेटियों को संपत्ति में हिस्सा लेने या बेचने का अधिकार होगा

शादी के बाद भी बेटी का पैतृक संपत्ति पर अधिकार बना रहेगा

यह नियम लिंग आधारित भेदभाव को कम करने और बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा।

 

विवाह के बाद भी बेटी का हक

नए कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि शादी के बाद भी बेटी का पैतृक संपत्ति पर अधिकार बना रहेगा। इसके प्रमुख बिंदु हैं:

 

विवाह बेटी के संपत्ति अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा

शादीशुदा बेटी भी अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा मांग सकती है

बेटी के बच्चों को भी दादा-दादी की संपत्ति में हक मिलेगा

यदि बेटी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके बच्चों को उसका हिस्सा मिलेगा

यह नियम बेटियों के आर्थिक अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है।

 

recommended by

 

 

 

Herbal Skin Mark Removal Kit

क्या आपको पता है कि सफेद दाग मिट सकते हैं? इसे देखें

और जानें

संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी का हक

नए कानून में संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों के अधिकारों को स्पष्ट किया गया है:

 

संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों का बराबर अधिकार होगा

इस संपत्ति के बंटवारे में सभी सदस्यों की सहमति जरूरी होगी

किसी एक सदस्य को दूसरों के हिस्से से वंचित नहीं किया जा सकता

संयुक्त संपत्ति के बेचने या किराए पर देने के लिए सभी सदस्यों की अनुमति चाहिए

यह नियम संयुक्त परिवारों में संपत्ति विवादों को कम करने में मदद करेगा।

 

Also Read

Govt ID Card Apply

Govt ID Card Apply: हर महीने ₹3000 की सहायता के लिए सभी लोग बनवाएं ये कार्ड

वसीयत का महत्व

नए कानून में वसीयत के महत्व को बढ़ाया गया है:

माता-पिता की वसीयत को सर्वोपरि माना जाएगा

वसीयत में दी गई संपत्ति पर बच्चों का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा

वसीयत के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देना मुश्किल होगा

वसीयत न होने पर ही कानूनी उत्तराधिकार लागू होगा

यह नियम माता-पिता को अपनी संपत्ति के बारे में निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता देता है।

बच्चों की जिम्मेदारी

नए कानून में बच्चों की जिम्मेदारियों पर भी जोर दिया गया है:

 

माता-पिता की देखभाल न करने वाले बच्चों के संपत्ति अधिकार सीमित किए जा सकते हैं

माता-पिता अपनी वसीयत में ऐसे बच्चों को संपत्ति से वंचित कर सकते हैं

कोर्ट भी ऐसे मामलों में बच्चों के हक को सीमित कर सकता है

यह नियम बच्चों को अपने माता-पिता के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करता है।

 

किन परिस्थितियों में बच्चों को संपत्ति में हक नहीं मिलता?

कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जिनमें बच्चों को माता-पिता की संपत्ति में हक नहीं मिलता। ये परिस्थितियां हैं:

जब माता-पिता ने अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को दान कर दिया हो

यदि माता-पिता ने अपनी संपत्ति का बंटवारा अपने जीवनकाल में ही कर दिया हो

अगर माता-पिता ने अपनी संपत्ति के लिए वसीयत लिख दी हो जिसमें बच्चों को शामिल न किया गया हो

यदि कोई बच्चा धर्म परिवर्तन कर लेता है (कुछ धार्मिक कानूनों के अनुसार)

अगर किसी बच्चे ने अपने माता-पिता की हत्या की हो या उसमें शामिल रहा हो

इन परिस्थितियों में बच्चों के संपत्ति अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

 

संपत्ति विवादों को कैसे सुलझाया जाएगा?

नए कानून में संपत्ति विवादों को सुलझाने के लिए कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं:

 

परिवार के सदस्यों को आपसी बातचीत से मामला सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए

यदि बातचीत से मामला न सुलझे तो मध्यस्थता का सहारा लिया जा सकता है

अगर मध्यस्थता भी काम न करे तो कानूनी सहायता ली जा सकती है

कोर्ट में जाने से पहले पारिवारिक पंचायत या समुदाय के बुजुर्गों की मदद ली जा सकती है

अंतिम विकल्प के रूप में ही मामले को कोर्ट में ले जाना चाहिए

इन दिशानिर्देशों का पालन करने से परिवार में तनाव कम होगा और विवाद जल्दी सुलझ सकेंगे।

नए कानून का महिलाओं पर प्रभाव

नए संपत्ति कानून से महिलाओं को कई फायदे होंगे:

बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हक मिलेगा

विवाहित महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहेंगे

विधवाओं को पति की संपत्ति में पूरा अधिकार मिलेगा

महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी

घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को घर में रहने का अधिकार होगा

यह कानून महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

 

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
23.10.2024 - 11:05:05
Privacy-Data & cookie usage: