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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसमें अब छात्रों को कक्षा 8वीं के बाद ही व्यावसायिक विषयों में से किसी एक का चयन करने का अवसर मिलेगा। इस कदम की शुरुआत वर्ष 2014-15 में की गई थी, लेकिन उस समय छात्रों को इस शिक्षा का अधिक लाभ नहीं मिल पा रहा था। वहीं अब छात्रों को 11वीं और 12वीं में भी व्यावसायिक विषयों को मुख्य विषय के रूप में चुनने का विकल्प दिया गया है। इस बदलाव के बाद से छात्रों की रुचि और सहभागिता में वृद्धि हुई है।बीते वर्ष तक जिले की 27 शालाओं में इस तरह की पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे थे।
कक्षा आठवीं के बाद व्यावसायिक विषय का विकल्प
इस नई व्यवस्था के तहत छात्र कक्षा 8वीं के बाद से संस्कृत के स्थान पर व्यावसायिक विषय चुन सकते हैं। यह बदलाव छात्रों को स्किल बेस्ड शिक्षा की ओर ले जाने के लिए किया गया है। जिन छात्रों ने व्यावसायिक विषय चुना है, उन्हें कक्षा 9वीं और 10वीं की अंकसूची में इसे मुख्य विषय के रूप में शामिल किया जाता है। पहले यह व्यवस्था केवल कक्षा 10वीं तक सीमित थी, लेकिन अब इसे 11वीं और 12वीं तक विस्तारित कर दिया गया है, जिससे छात्रों को और अधिक गहराई से अपने स्किल्स को विकसित करने का अवसर मिलेगा। ये विषय छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान से भी समृद्ध करते हैं, जो उनके भविष्य में कारगर साबित होगा।
ड्राप किए गए विषय का विकल्प
मल्टीपर्पस शाला के व्यवसायिक विषय के शिक्षक विनोद व्यास बताते है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कक्षा 11वीं और 12वीं में व्यावसायिक विषयों को चुनने वाले छात्र हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। यह विकल्प उन छात्रों के लिए खासतौर पर सहायक है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय को छोड़ देते हैं। मंडल ने छात्रों को इस विषय को आप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुनने का विकल्प दिया है, जिसका स्कोर उनके कुल परिणाम पर असर नहीं डालेगा, लेकिन इसे अंकसूची में आप्शनल विषय के रूप में दर्शाया जाएगा।