कब है महाअष्टमी, किस दिन करें कन्या पूजन, नोट कर लें पारण का समय…

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Navratri Maha Ashtami Date 2024: इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) अष्टमी 11 अक्टूबर को है. ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से दुर्गा अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा करते हैं, उन्हें सुख और शांति मिलती है. साथ ही देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं, जानिए इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें..

नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण दिन अष्टमी तिथि और नवमी तिथि को माना जाता है. महाअष्टमी नवरात्रि के आठवें दिन आती है. यह देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है. इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) अष्टमी 11 अक्टूबर को है. ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से दुर्गा अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा करते हैं, उन्हें सुख और शांति मिलती है. साथ ही देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं, जानिए इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें..

महाअष्टमी कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि (नवरात्रि 2024) की महाअष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है. पंचांग पर गौर करें तो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 बजे शुरू होगी. वहीं, इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे होगा.

महाष्टमी पूजा विधि

सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद मां दुर्गा का अभिषेक करें. उन्हें लाल कुमकुम का तिलक लगाएं. गुड़हल और कमल के फूलों की माला चढ़ाएं. लाल वस्त्र चढ़ाएं. देवी को श्रृंगार का सामान जरूर चढ़ाएं. माता महागौरी को पांच तरह की मिठाइयां और फल चढ़ाएं. अष्टमी पूजा की रस्मों का पालन करें, पवित्र देवी मंत्र का भक्तिपूर्वक जाप करें. इसके बाद मां गौरी की आरती करें. अंत में हाथ जोड़कर अपनी सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगकर पूजा समाप्त करें.

क्या अष्टमी और नवमी एक ही दिन है?

पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पूजा एक ही दिन की जाएगी. महाअष्टमी और महा नवमी पूजा 11 अक्टूबर को की जाएगी. 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे से पहले आप अष्टमी पूजा और उसके बाद महा नवमी पूजा कर सकते हैं. इसी दिन कन्या पूजन भी किया जाएगा. महा अष्टमी और महा नवमी के दिन 9 कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने से माता रानी की कृपा प्राप्त होती है. कन्याओं को भोजन कराने के बाद कुछ उपहार जरूर दें. ऐसा करने से घर में समृद्धि और धन-संपत्ति बनी रहेगी.

शारदीय नवरात्रि पारण समय

 

कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत तोड़ा जा सकता है. हालांकि, नवरात्रि व्रत तोड़ने का सबसे उपयुक्त समय नवमी के बाद माना जाता है, जब दशमी तिथि शुरू हो चुकी होती है.

 

 

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