‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का शुभारंभ…

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  • लरामपुर-रामानुजगंज के राजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय होंगे शामिल
  • राजपुर में 192 करोड़ 60 लाख रुपये के विभिन्न निर्माण कार्यों का करेंगे लोकार्पण एवं भूमिपूजन

रायपुर, 01 अक्टूबर 2024: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश में जनजातीय बहुल गांवों के समग्र विकास के लिए 02 अक्टूबर को ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ का झारखण्ड के हजारीबाग से शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और अन्य अतिथिगण शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हांेगे। जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के सीधा प्रसारण दिखाने की व्यवस्था विकासखण्ड राजपुर के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल ग्राउंड बूढ़ा बगीचा में की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस मौके पर वे राजपुर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिलान्यास सहित जिले में 192 करोड़ 60 लाख रूपये के 108 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। इस मौके पर श्री साय विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में सामग्री तथा सहायता राशि का भी वितरण करेंगे और विभिन्न विभागों द्वारा लगाई जा रही योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में देश में आदिवासी बहुल क्षेत्रों के 63,000 गांव शामिल किया गया है, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ में इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए 32 जिलों के 138 विकासखण्डो के 6691 आदिवासी बहुल गांव का चयन किया गया है। चयनित गांव में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, उन्नति के कार्य किए जाएंगे।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में 25 कार्यक्रम शामिल हैं। यह योजना केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के क्षेत्र से जनजातीय परिवारों को जोड़कर उनके समग्र और सतत विकास को सुनिश्चित करना है।

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