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- हमसफर-हीराकुंड एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों में लगेंगे एक्स्ट्रा कोच।
- ऑफ सीजन के बाद भी ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ नहीं हो रही कम।
- ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच लगाने के फैसले से यात्रियों के टिकट होंगे कंफर्म।
रायपुर। ऑफ सीजन में भी इन दिनों ट्रेनों में यात्रियों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। दोनों श्रेणी स्लीपर और एसी कोच की एक जैसी स्थिति है। ऐसे में लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग हमेशा 100 के करीब बनी हुई है। इसे देखते हुए रेलवे प्रशासन ने मुख्य रूप से दो प्रमुख ट्रेनों इंदौर से पुरी और विशाखापट्टनम से अमृतसर के बीच चलने वाली ट्रेनों के यात्रियों के लिए अतिरिक्त कोच की सुविधा मुहैया कराने जा रहा है। इसके जरिए यात्रियों के वेटिंग टिकट कंफर्म होंगे। ये दोनों एक्सप्रेस ट्रेनें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलती हैं।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर-पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस में एक थर्ड एसी-3 कोच व एक स्लीपर कोच की सुविधा अस्थायी रूप से मिल रही है। इसी तरह बिलासपुर स्टेशन से कटनी रेल लाइन से होकर चलने वाली विशाखापटनम-अमृतसर हीराकुंड एक्सप्रेस में भी एक स्लीपर और एक एसी-3 इकानमी कोच की सुविधा विशाखापटनम से तीन सितंबर से और अमृतसर तरफ से सात सितंबर से और इंदौर-पुरी हमसफर एक्सप्रेस, पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस में भी उपलब्ध कराया गया है। इससे इन दोनों ट्रेनों के दोनों तरफ के यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा।
640 यात्रियों को मिलेगी कंफर्म सीट
अधिकारियों के मुताबिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिल सके इसलिए रेलवे लगातार ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगा रहा है। इसी कड़ी में विशाखापट्नम-अमृतसर-विशाखापट्नम हीराकुंड एक्सप्रेस इंदौर-पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस में अतिरिक्त कोच लगने से 640 यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलेगी। वर्तमान में हीराकुंड एक्सप्रेस के एसी-थ्री इकानामी में 10 वेटिंग चल रही है। वहीं इंदौर-पुरी एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में 67, एसी थ्री में 13 वेटिंग और स्लीपर में 51, एसी थ्री में 37 आरएसी चल रही है।
रेलवे ट्रैक पर बैठना, चलना और सेल्फी लेना जानलेवा
रेल पटरियों पर होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे इन दिनों जागरुकता अभियान चला रहा है। रेलवे स्टेशनों के आसपास एवं परिक्षेत्र में लोगों को अधिकारी यह बता रहे हैं कि पटरी पर बैठना, सेल्फी लेना और पटरी पार करने जैसी असुरक्षित गतिविधियों से बचना है। वरना जानलेवा साबित हो सकता है। इसके साथ ही ऐसा करना रेलवे एक्ट के तहत अपराध भी है। ऐसे व्यक्तियों के लिए कानूनी कार्रवाई और जुर्माना दोनों सजाएं हो सकती हैं।