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रायपुर। राज्य सरकार ने जमीन-मकान समेत तमाम प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से पहले मूल्य का सही मूल्यांकन नहीं करने वाले पंजीयन कार्यालय के उप पंजीयक-पंजीयकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजीयन विभाग के सर्तकता प्रकोष्ठ ने 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपये की राजस्व हानि की पहचान की और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की।
प्रकोष्ठ ने रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिलों के जिला पंजीयक शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही संबंधित उप पंजीयक और जिला पंजीयकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
कुछ महीने पहले ही पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी ने सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया था। प्रकोष्ठ के जरिए अचल संपत्तियों के क्रय-विक्रय पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेजों के गलत मूल्यांकन करने का मामला सामने आया है।
इस तरह मिली गड़बड़ी
सतर्कता प्रकोष्ठ ने रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधिनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेंडम जांच की, जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपये की राजस्व हानि मिली है। इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण, इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग और अन्य मार्ग के दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया जाना पाया गया है। साथ ही गाइड लाइन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है।
स्टांप शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न कर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया है और औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है।
स्टांप शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था, परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने के लिए लिया गया है। स्टांप शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है, लेकिन औद्योगिक इकाई द्वारा स्टांप शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी के लिए लिया गया है।
सक्रिय है सतर्कता प्रकोष्ठ लगातार निगरानी
राज्य में स्थित 102 पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध होने वाले दस्तावेजों में कर अवपंचन की रोकथाम और सतत् निगरानी के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मुख्यालय में विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने लगभग 2505.98 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।