राज्य में फिर से शुरू ही चरण पादुका योजना… – www.khabarwala.news
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रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत इस दिनों कई मुद्दों को लेकर गर्म है। रमन सिंह सरकार की जिन योजनाओं को भूपेश बघेल की सरकार में बंद किया गया था उन्हें फिर से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दो पुरानी योजनाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। दरअसल, 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। उसके पहले राज्य में बीजेपी की सत्ता थी तब भूपेश बघेल ने रमन सिंह के कार्यकाल की कई योजनाओं को बंद कर दिया था।
सीएम ने की फिर से शुरू करने की घोषणा
छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका वितरण योजना और सरस्वती सायकल योजना फिर से शुरू करने वाली है। गुरुवार को जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री यहां जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान साय ने रिमोट का बटन दबाकर महतारी वंदन योजना की 6वीं किश्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में भेजी।
क्या है चरण पादुका योजना?
चरण पादुका वितरण योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में नवंबर 2005 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने की थी। इस योजना के तहत तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को राज्य सरकार की तरफ से हर साल एक जोड़ी जूते दिए जाते हैं। पहले इस योजना में पुरुष शामिल थे। 2008 में इसमें महिलाओं को भी शामिल किया गया। पहले इस योजना के तहत जूते दिए जाते थे बाद में 2013 से जूते की जगह चप्पल मिलने लगी थी।
क्या है सरस्वती साइकल वितरण योजना
इस योजना की शुरुआत 2011 में तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने किया था। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं क्लास की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। साइकिल देने का मकसद था कि स्कूल दूर होने पर भी छात्राएं अपनी पढ़ाई जारी रखें। सुविधाओं के आभाव में वह पढ़ाई नहीं बंद करें।
गरीबों के लिए समर्पित सरकार
विष्णु देव साय ने कहा कि केन्द्र सरकार की भांति छत्तीसगढ़ की सरकार भी गरीबों के कल्याण, विकास और खुशहाली के लिए समर्पित है। मोदी की गांरटी के तहत गांव गरीब, किसान, महिला, युवा आदिवासी पिछड़े सभी वर्ग के विकास के लिए योजना चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने कार्यभार संभालते ही कैबिनट की पहली बैठक में 18 लाख से अधिक आवासहीन परिवारों को पक्का मकान बनाने की स्वीकृति दी थी। तेन्दूपत्ता तोड़ने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए इस बार साढ़े पांच हजार रूपए मानक बोरा की दर से पत्ता खरीदी की गई और पूरे सीजन पत्ता खरीदा गया।