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- हर माह त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है।
- सावन प्रदोष व्रत को करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
धर्म डेस्क। सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय माना जाता है। इसकी शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है, जो कि 19 अगस्त तक चलेगा। इस माह की हर तिथि बहुत पवित्र मानी जाती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो कि भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में सावन प्रदोष व्रत और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इस व्रत को करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
सावन का पहला प्रदोष व्रत
धार्मिक मान्यता है कि सावन प्रदोष व्रत पर शिवजी का जलाभिषेक करना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्रत पर इस बार कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। इन शुभ संयोग में भगवान शिव की पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। आइए, जानते हैं कि सावन प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा।
सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 1 अगस्त 2024 को दोपहर 3:28 से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 2 अगस्त को दोपहर 3:26 का होगा। ऐसे में सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त गुरुवार को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
सावन प्रदोष व्रत पर शुभ संयोग
सावन के पहले प्रदोष व्रत पर शुभ मुहूर्त 2 अगस्त की शाम 7:12 से लेकर 9:18 तक रहेगा।
2 अगस्त के दिन सुबह 10:24 तक मृगशिरा नक्षत्र रहने वाला है, यह पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस दिन आर्द्रा नक्षत्र का योग भी बन रहा है। सावन कृष्ण प्रदोष व्रत पर हर्षण योग भी बन रहा है, जो कि 2 अगस्त सुबह 11:45 तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पर 3:28 पर शिव वास योग भी रहेगा, यदि बहुत शुभ माना जाता है। इस समय भगवान शिव, नंदी पर सवार होते हैं।
सावन प्रदोष व्रत पर 2 अगस्त के दिन दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।