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रायपुर। विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए राज्य सरकार ने कई कार्ययोजनाएं बना ली है। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में पहुंचे दल के समक्ष सरकार ने अपनी योजनाएं साझा की है। इसके अनुसार राज्य सरकार नवा रायपुर को ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना चाहती है । इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिक राशि देने के लिए वित्त आयोग से सिफारिश करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29 हजार 539 करोड़ रुपय की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरूआत की थी। वर्ष 2023-24 में राज्य पांच लाख नौ हजार करोड़ रुपये के जीएसडीपी के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी योजनाएं जिनका संचालन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अंशदान से हो रहा है, उनमें केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का अनुपात बढ़ाया जाए। ताकि विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा सके।
पंचायत, नगरीय निकाय और राजनीतिक दलों से चर्चा
वित्त आयोग के दल ने पंचायत, नगरीय निकाय और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मेफेयर लेक रिसोर्ट, नवा रायपुर अटल नगर में परिचर्चा की। आयोग के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के साथ आयोजित परिचर्चा में पंचायत विभाग के सचिव एस. भारती दासन ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से पंचायतों को प्राप्त राशि, उनकी आवश्यकताओं और उनके वित्तीय प्रबंधन की जानकारी आयोग को दी।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं और आवश्यकताओं को रखते हुए आयोग के समक्ष सुझाव और मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने पंचायतों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र से अधिक सहायता की मांग की। वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया ने प्रेस वार्ता कर पत्रकारों से बताया कि छत्तीसगढ़ सहित वे अन्य राज्यों में भी वित्तीय स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में हो रहे कामों की प्रशंसा की।
अधो संरचना विकास के लिए मिले अधिक संसाधन: ओपी चौधरी
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य के वित्तीय परिदृश्य पर प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि नवा रायपुर को ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां अधोसंरचना विकास के लिए केंद्र से और अधिक संसाधन मिलने चाहिए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्धारित मापदंडों के अनुसार वित्तीय अनुशासन का पालन कर रहे हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे। कर प्रणाली में आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर लीकेज को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच करों के बटवारें के मापदंडों के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उप मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने भी वित्त आयोग के समक्ष अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किए।
नगरीय निकायों की आवश्यकताओं पर भी बात
केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डा. बसवराजु एस ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति एवं आवश्यकताओं के संबंध में जानकारी रखी। आयोग के समक्ष नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने स्वागत भाषण दिया। पुलिस महानिदेशकअशोक जुनेजा ने पुलिस बल के लिए संसाधनों की आवश्यकताओं पर और एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार ने नवा रायपुर की परियोजनाओं के लिए संसाधनों की जरूरतों पर प्रस्तुतीकरण दिया।