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बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के उग्र प्रदर्शन के सरकार एक्शन में आ गई है। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। इधर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बलौदा बाजार में सतनामी समाज के बवाल के बाद उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री दयाल दास बघेल, मंत्री टंकराम वर्मा देर रात घटनास्थल का जायजा लेने कलेक्टररेट परिसर पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
बतादें कि बलौदाबाजार में पिछले 17 मई से चल रहा सतनामी समाज का प्रदर्शन सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सोमवार शाम को उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में आग लगा दी। पथराव किया, 200 से अधिक दोपहिया और करीब 50 चारपहिया वाहनों को फूंक दिया। इससे दोनों कार्यालयों में रखे अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी नष्ट हो गए।
बलौदा बाजार जिले में उत्पन्न अप्रिय स्थिति पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “सतनामी समाज के प्रमुखजनों से मेरी मुलाकात 6 जून को स्वयं ही हो गई थी… उन्होंने जैतखाम को क्षति पहुंचाने की घटना पर न्यायिक जांच करवाने की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री…
प्रदर्शनकारियों ने लगभग एक घंटे तक बलौदाबाजार कलेक्टर परिसर व शहर के कई इलाकों में तोड़फोड़ की। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से वहां के हालात की जानकारी ली।
जानकारी के अनुसार 15 मई की देर रात सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपित नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रविवार को ही इस मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी, लेकिन समाज के लोग सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। वे सोमवार दोपहर लगभग ढाई बजे ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर परिसर पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच झड़प शुरू हो गई। बैरिकेड को तोड़कर भीड़ कलेक्टर परिसर में पहुंच गई। लोगों ने पथराव के साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगाना शुरू कर दिया। इससे कलेक्टर परिसर के कई विभागों के दस्तावेज जलकर राख हो गए।
आग बुझाने पहुंची दमकल की कई गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन हिंसक होने के बाद सैकड़ों कर्मचारियों और लोग फंसे हुए थे। उन्हें पुलिस ने कार्यालय के पीछे के रास्ते बाहर निकाला। सुरक्षा के मद्देनजर शहर में अन्य जिलों के पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। देर रात तक पुलिस के जवान पूरे शहर में गश्त करते रहे।
शांति और सौहार्द बनाए रखें : सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही आइजी व कमिश्नर को तत्काल घटनास्थल पर भेजा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली एवं रिपोर्ट भी मंगाई है। उन्होंने कहा कि गिरौदपुरी की अमर गुफा मामले में पूर्व में ही न्यायिक जांच के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा को निर्देशित किया जा चुका है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह है जैतखाम
जैतखाम छत्तीसगढ़ की बोली भाषा का शब्द है। जैत यानी जय और खाम यानी खंभा। जैतखाम मूलरूप से सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है, जो उनके संप्रदाय का प्रतीक है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, छह जून को समाज प्रमुखों से बात के बाद प्रदर्शन खत्म करने पर सहमति बन गई थी। घटना को अंजाम देने वाले असमाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
बलौदाबाजार एसएसपी सदानंद कुमार ने कहा, सतनामी समाज ने शांतिपूर्ण आंदोलन का आह्वान किया था, लेकिन सभी ने उग्र होकर पुलिस पर पथराव किया। कलेक्ट्रेट परिसर में गाड़ियों में आग लगा दी।
भाजपा विधायक और सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब ने कहा, शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे लोगों के बीच असमाजिक तत्व शामिल होकर लोगों को उकसाया। इस कारण हिंसा हुई। मैं समाज के लोगों से अपील करता हूं कि शांति व्यवस्था बनाए रखें।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, शासन-प्रशासन द्वारा यदि समय पर आवश्यक कदम उठाए गए होते तो लोगों की नाराजगी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
देर रात पुलिस ने किया दावा
– लगभग 100 मोटरसाइकिल और 30 से अधिक चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई।
– भीम आर्मी, भीम रेजीमेंट एवं भीम क्रांतिवीर सेना के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा मचाया गया उत्पात।
– 25 से अधिक पुलिसकर्मी व कर्मचारी अधिकारी गंभीर रूप से घायल।