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बस्तर: छत्तीसगढ़ का बस्तर प्रकृति के बेहतरीन नजारों और तीरथगढ़ जलप्रपात के कारण आकर्षण का केंद्र बना रहता है. यह झरना अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. इस झरने को के खूबसूरत दृश्यों को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. तीरथगढ़ का यह वाटरफॉल बस्तर संभागीय मुख्यालय से केवल 35 किलोमीटर की दूरी पर है. सरकार अब इस पर्यटक स्थल को और विकसित करने के लिए यहां ग्लास ब्रिज बना रही है.
ग्लास ब्रिज से लगेंगे चार चांद
तीरथगढ़ से कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से पर्यटकों की सुविधा के लिए तीरथगढ़ में ग्लॉस ब्रिज बनाया जा रहा है. ग्लास ब्रिज के लिए पुणे की कंपनी सर्वे कर रही है. ब्रिज के बनने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा. इसके साथ ही ग्लॉस ब्रिज बनने के बाद यहां ऊंचाई से वाटरफॉल का नजारा और मनमोहक हो जाएगा.
भगवान शिव से जुड़ी है मान्यता
वाटरफॉल पहाड़ी के सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है. इस कारण झरने से गिरने वाला पानी दुधिया दिखाई देता है. जिसे देखकर पर्यटकों का मन खुश हो जाता है. इस खूबसूरत झरने के अलावा यहां धार्मिक स्थल भी हैं जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं. वाटरफॉल 300 फीट ऊपर से नीचे गिरता है. वाटरफॉल मुनगाबहार नदी पर स्थित पर बनता है.
पुणे की कंपनी ने शुरू किया सर्वे
इंद्रावती टायगर रिजर्व जगदलपुर के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन) एवं क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित तीरथगढ़ झरना (Teerathgarh Falls) को पर्यटकों की सुविधा के लिए ग्लॉस ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए पुणे की कंपनी ने रविवार से सर्वे करना शुरू कर दिया है.