www.khabarwala.news
raipur@khabarwala.news
नई दिल्ली। उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है। मई का महीना खत्म होने के साथ ही अब ‘नौतपा’ का दौर शुरू होने वाला है। इस दौरान 9 दिनों तक अत्यधिक भीषण गर्मी पड़ेगी।
अगर आप सोच रहे है कि सुबह-सुबह गर्मी आपको परेशान नहीं करेगी तो ये आपकी बहुत बड़ी गलतफहमी है। नौतपा के दौरान सुबह-सुबह आसमान से आग बरसने लगेगी। 25 मई यानी आज से नौतपा शुरू हो गया है।
क्या है नौतपा?
नौतपा जिसे नवताप भी कहा जाता है। इन 9 दिनों में गर्मी अपने चरम सीमा पर होती है और तेज धूप का सिलसिला जारी रहता है। इसका आगमन ज्येष्ठ महीने के पहले 9 दिनों में होता है। माना जाता है कि इस समय सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है। साल के ये 9 दिन सबसे अधिक गर्म होते है और ऐसे में आपको अपनी सेहत का बेहद ध्यान रखना पड़ता है।
इन 9 दिनों में कितना बढ़ेगा पारा?
25 मई से 3 जून तक नौतपा का दौर रहेगा। इन 9 दिनों में तापमान बहुत ऊपर पहुंच जाएगा। बात करें दिल्ली-NCR की तो आने वाले 9 दिनों में पारा 47 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। भीषण गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
ये 9 दिन क्यों होते है इतने गर्म?
दरअसल, इस समय सूरज की किरणें पृथवी पर सीधी पड़ती है। नौतपा के दौरान सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है जिसके कारण भीषण गर्मी पड़ती है।
क्या ये 9 दिन माने जाते है शुभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौतपा के 9 दिनों में अगर सूरज अधिक तपता है तो इसके अच्छे संकेत माने जाते है। इसका मतलब अच्छी बारिश होने का अनुमान है।
भीषण गर्मी से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल
खूब पानी पीए- इस दौरान सबसे जरूरी है आपका हाइड्रेटेड रहना। पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, आम का पन्ना, जलजीरा पानी या लस्सी और छाछ जैसे तरल पदार्थ का सेवन करते रहे। पूरे कपड़े पहनें- तेज गर्मी और धूप से बचने के लिए कोटन और ढीले कपड़े पहनें। बच्चों को इन 9 दिनों में पूरे कवर वाले सूती कपड़े पहनाएं। साथ ही टाइट कपड़े पहनने से बचें। छाता और चश्मा पहनें- अगर आप इन 9 दिनों के दौरान कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ छाता लेकर चले। सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल भरपूर करें। साथ ही अच्छी क्वालिटी के सनग्लास से आंखों को ढककर रखें। इस समय बाहर न जाएं- कोशिश करें कि घर से बाहर केवल जरूरी काम के लिए ही निकले। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न जाने दें।