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यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
पूर्णता की स्थिति रात 11.47 बजे होगी।
ये एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है।
चंद्रमा दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
इस वर्ष का प्रथम सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल की रात भारतीय मानक समय अनुसार रात 10.10 बजे से मध्य रात्रि 1.24 बजे तक होगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। पूर्णता की स्थिति रात 11.47 बजे होगी। 4 मिनट 30 सेकंड तक पूर्ण अवस्था को देखा जा सकेगा। विशेष बात ये है कि भारत में ये पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा। ये सिर्फ हवाई द्वीप, उत्तरी एवं मध्य अमेरिका, ग्रीनलैंड और आइसलैंड में बहुत साफ देखा जा सकेगा।
इस कारण होता है सूर्यग्रहण
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेन्द्रप्रकाश गुप्त के अनुसार, ये एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य होता है। जैसा कि विदित है कि चंद्रमा दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिससे वह कभी पृथ्वी के पास की स्थिति में होता है, तो कभी पृथ्वी से दूर। पूर्ण ग्रहण की स्थिति तब होती है, जब चंद्रमा पृथ्वी से पास की स्थिति में सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य होता है।
राहु का अशुभ प्रभाव बढ़ेगा
चंद्रमा पृथ्वी के पास होने के कारण उसका आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा दिखाई देता है। जिस कारण वह सूर्य को पूर्ण रूप से ढंक लेता है तथा उस स्थान विशेष से हमें पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देता है। बता दें कि गृहण के समय राहु का प्रभाव पृथ्वी पर बढ़ जाता है। इसी कारण ग्रहण के समय किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के दौरान हरि नाम सुमिरन जाप करना लाभकारी होता है। इससे राहु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति पर नहीं पड़ता है।