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ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने से गुरु बृहस्पति का प्रभाव कमजोर हो जाता है। इसी वजह से खरमास 30 दिनों तक लगता है। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस समय सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं और 13 अप्रैल को मीन राशि छोड़कर मेष राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद ही शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। आइए, जानते हैं कि अप्रैल माह में होने वाली शादी की तारीखें और शुभ मुहूर्त क्या है।
अप्रैल माह विवाह मुहूर्त
विवाह का शुभ मुहूर्त 18 अप्रैल है। इस दिन मघा नक्षत्र है।
विवाह का शुभ मुहूर्त 19 अप्रैल है। इस दिन एकादशी भी है। नक्षत्र मघा है। एकादशी की तिथि पर विवाह करना सर्वोत्तम होता है।
शादी का शुभ मुहूर्त 20 अप्रैल भी है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है। वहीं, तिथि द्वादशी है।
अप्रैल में शादी का आखिरी लग्न यानी शुभ समय 21 अप्रैल है। इस दिन की तिथि त्रयोदशी है।
नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी है। ज्योतिष शास्त्र त्रयोदशी की तिथि को विवाह के लिए शुभ मानता है। शादी की तारीख तय करने के लिए स्थानीय पंडित से सलाह अवश्य लें।
इन महीनों में नहीं है विवाह मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार बृहस्पति और शुक्र तारा अस्त होने पर विवाह नहीं करना चाहिए। 22 अप्रैल से शुक्र अस्त होने के कारण मई और जून माह में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। इसके बाद 2 जुलाई से विवाह का शुभ मुहूर्त है। वहीं, 16 जुलाई से 12 नवंबर तक चातुर्मास के कारण विवाह का कोई शुभ समय नहीं है। इस दौरान प्रकांड पंडित की सलाह मानकर अबूझ मुहूर्त में विवाह संपन्न किया जा सकता है।