2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण 50 सालों में सबसे लंबा ग्रहण: किस देश में कितनी देर रहेगा असर, जानें भारत में क्या होगा?

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2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण 50 सालों में सबसे लंबा ग्रहण: किस देश में कितनी देर रहेगा असर, जानें भारत में क्या होगा?

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8 अप्रैल को उत्तरी अमेरिका के देशों में सूर्य ग्रहण को बेहद ही साफ देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये पिछले 50 साल का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस दौरान जिधर से इसकी छाया गुजरेगी, पृथ्वी के उस हिस्से में पूरी तरह अंधेरा छा जाएगा।

8 अप्रैल का दिन खगोलविदों के लिए बेहद ही खास होने जा रहा है, क्योंकि इस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ऐसी खगोलीय घटना है, जिसका वैज्ञानिक वर्षों इंतजार करते हैं। वैसे तो वैज्ञानिकों के लिए हर ग्रहण खास होता है, लेकिन 8 अप्रैल का ग्रहण विशेष है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। जिसके चलते सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पहुंचना बंद कर देती हैं और दिन में अंधेरा छा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, 2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण 50 सालों में सबसे लंबा ग्रहण होगा, यानी इस बार पृथ्वी पर दिन के दौरान लंबे समय तक रात जैसा नजारा हो जाएगा।

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सूर्य ग्रहण की अवधि अलग-अलग जगहों पर अलग होगी

पूर्ण सूर्य ग्रहण क्यों है खास?

पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब होता है। बेहद पास होने के चलते चंद्रमा का आकार बड़ा दिखाई देता है और यह संपूर्ण सौर डिस्क को ढंक लेता है। सूर्य की किरणें उस समय पृथ्वी पर नहीं पहुंचती हैं, परिणामस्वरूप पृथ्वी पर अंधेरा छा जाता है। इसके पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण 2017 में हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार का सूर्य ग्रहण आधी सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। इसकी वजह है कि ग्रहण के एक दिन पहले ही चंद्रमा पृथ्वी के अपने सबसे निकटतम बिंदु पर आएगा। 8 अप्रैल को चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी 3.60 लाख किलोमीटर होगी, जो पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी 3.84 लाख किलोमीटर से काफी कम है।

कितनी देर रहेगा सूर्य ग्रहण?

धरती पर सूर्यग्रहण कितनी देर तक दिखाई देगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप पृथ्वी के किस हिस्से में मौजूद हैं। स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार ग्रहण के दौरान चंद्रमा के बीच में आने से जो पट्टी बनेगी, वह 185 किलोमीटर चौड़ी होगी। उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में स्थानीय समय के अनुसार ग्रहण का पहला क्षण दिन में 12.38 मिटन पर देखा जाएगा और आखिरी क्षण दोपहर 3.55 बजे होगा। पाथ ऑफ टौटलिटी की बात करें तो उत्तरी अमेरिका के अलग-अलग देशों में यह अलग होगा। मेक्सिकों में 40.43 सेकंड तक रहेगा। यानी चंद्रमा की छाया इस दौरान मेक्सिको के हिस्से से होकर गुजरेगी और अलग-अलग शहरों में कुछ मिनटों के लिए सूर्य ग्रहण लगेगा। मेरिका में ग्रहण का असर 67 मिनट 58 सेकंड तक होगा, जबकि कनाडा में 34 मिनट 4 सकेंड तक यह प्रभाव दिखाएगा।

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क्या भारत में दिखाई देगा ग्रहण?

उत्तर अमेरिकी महाद्वीप में जब इस ग्रहण की शुरुआत होगी, उस समय भारत में रात के 10.08 मिनट हो रहें होंगे। वहीं, जब ग्रहण अपने आखिरी क्षण में होगा तो रात के 1.25 बज रहे होंगे। चूंकि भारत में रात होगी, इसलिए यहां ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा। हालांकि, अगर आप भारत में बैठकर ग्रहण को देखना चाहते हैं तो ऑनलाइन देख सकते हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी सूर्य ग्रहण के लाइव टेलीकास्ट की योजना बनाई है। इसे नासा के ऑफिशियल यू-ट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।

 

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