@khabarwala.newsखैरागढ़. खैरागढ़ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं. पहले इस्तीफ़ा विवाद उसके बाद बिना काम के लाखों रुपये के भुगतान के आरोप हैं. अब उच्च न्यायालय ने शैलेंद्र वर्मा की दिक्कतें और भी बढ़ा दी है.
बता दे कि फ़रवरी में नगरपालिका खैरागढ़ के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के इस्तीफ़े का मामला सामने आया था. कांग्रेस पार्टी के नगरपालिका अध्यक्ष सत्ता बदलते ही अचानक इस्तीफ़ा दे दें तो सियासी घमासान होना तय है और यही हुआ भी.
मामले के चार दिन बाद ही शैलेंद्र वर्मा ने पलटी मारी और विधायक खैरागढ़ यशोदा वर्मा के साथ थाने पहुंचकर लेटर पैड के दुरुपयोग और फर्ज़ी साइन करने का मामला दर्ज करा दिया. पूरे मामले में पहले ही उच्च न्यायालय ने 30 दिनों में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित कर दिया था, लेकिन शैलेंद्र वर्मा ने एक और याचिका उच्च न्यायालय में दायर कर दी. जिस पर कोर्ट ने 10 हज़ार रुपये की कॉस्ट के साथ प्री मैच्योर केश कहते हुए ख़ारिज कर दिया.पूरे मामले में शैलेंद्र वर्मा से हड़बड़ी में गड़बड़ी हो गई. अब इस गड़बड़ का क्या नतीजा आएगा ये देखना होगा.
फ़िलहाल इस्तीफ़ा मामले की जांच रिपोर्ट को अभी आने में समय है. ऊपर से बिना काम किए 38 लाख रुपये की सरकारी राशि में हुई बड़ी बंदरबाट की भी उच्चस्तरीय जांच होने वाली है.