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नई दिल्ली । केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) वापस नहीं लिया जाएगा। समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने यह बात कही।
इसके साथ ही देश में सीएए पर सियासी घमासान तेज हो गया है। अमित शाह के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस तिलमिला गई है, जबकि अरविंद केजरीवाल थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शाह के आरोपों का जवाब देंगे।
अमित शाह के इंटरव्यू की बड़ी बातें
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष झूठ की राजनीति कर रहा है। सीएए भाजपा के घोषणा-पत्र का हिस्सा है। पाकिस्तान में हिंदू अपमानित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में वे कहां जाएंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीएए का विरोध किया है और कहा है कि वे इसे कभी लागू नहीं होने देंगी। ममता बनर्जी को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, ममता दीदी को शरण लेने वाले व्यक्ति और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता है।
अमित शाह ने कहा, वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी। यदि आप इस तरह की राजनीति करते हैं और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे के साथ आप तुष्टिकरण की राजनीति करके घुसपैठ की अनुमति देते हैं और शरणार्थियों का विरोध करते हैं, तो लोग आपके साथ नहीं रहेंगे।
बकौल अमित शाह, जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं, वो बौखला गए हैं। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अरविंद केजरीवाल सीएए का विरोध कर रहे हैं, लेकिन वो रोहिंग्या के मुद्दे पर क्यों नहीं बोलते।
राहुल गांधी पर अमित शाह का सवाल, कांग्रेस ने दिया जवाब
अमित शाह ने इंटरव्यू के दौरान सवाल उठाया कि सीएए पर राहुल गांधी अपना रुख साफ क्यों नहीं करते हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि सीएए लागू करने की नीति, नियत और टाइमिंग पर सवाल है।
अमित शाह के बयान पर तिलमिलाई टीएमसी
टीएमसी नेता सागरिका घोष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, गृह मंत्री अमित शाह, आप बंगाल सरकार पर घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर नहीं कर पाने का आरोप लगा रहे हैं और ममता बनर्जी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगा रहे हैं…आप कब तक इस ‘घुसपैठिया’ राजनीति को जारी रखेंगे?’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ममता बनर्जी पर दिए गए बयान पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा, ‘पहले के चुनावों में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। पार्टियां चुनाव जीतती और हारती हैं, लेकिन विपक्ष के लिए इस तरह की अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सीएए पूरी तरह राजनीतिक लाभ के लिए है।’