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सुकमा, 16 फरवरी 202: जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की सजगता से खसरा बीमारी पर नियंत्रण के लिए अब जिले के गांव-गांव में खसरा का टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस दिशा में स्कूल, आश्रम-छात्रावास तथा आवासीय विद्यालयों के बच्चों को विशेष तौर पर प्राथमिकता दी जा रही है। ज्ञातव्य है कि जिले के गादीरास पोटाकेबिन से एक बच्चे को बीते 03 फरवरी 2024 बुखार के साथ स्किन रेसेस की समस्या के कारण प्राइमरी हेल्थ सेंटर गादीरास में लाया गया प् जिसको सेंटर पर उपस्थित चिकित्सक के द्वारा जांच करने पर मिजल्स जैसी बीमारी के लक्षण पाये जाने पर तत्काल संबंधित पोटाकेबिन के प्राचार्य से बात किया गया प् इस दौरान प्राचार्य से जानकारी मिली कि इन बच्चों के अतिरिक्त भी अन्य बच्चों में भी बीमारी से सम्बंधित लक्षण नजर आ रहे है, जिसकी जानकारी तत्काल रूप से कलेक्टर सुकमा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सुकमा को दी गयी प् कलेक्टर श्री एस हरीस के निर्देशन में तत्काल रूप से रैपिड रिस्पोंस टीम गठित कर सेक्टर हेल्थ टीम के द्वारा सम्बंधित पोटाकेबिन में दिनांक 04 फरवरी 2024 को पहुच कर कैंप लगाकर पोटाकेबिन में उपस्थित 373 बच्चों का जांच किया गया प् जिसमें से 22 बच्चों में मिजल्स जैसी बीमारी के लक्षण नजर आने पर जिले में आउट ब्रेक जैसी स्थिति निर्मित हो गयी थी प् जिसमें से तत्काल 5 बच्चों के सेम्पल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर भेजे गए थे प् जिसमें से 3 बच्चों का रिपोर्ट पोजिटिव आने की स्थिति में समस्त बच्चे, जिनमें सम्बंधित बीमारी के लक्षण नजर आ रहे थे, तत्काल उन्हें आइसोलेशन में रखकर उनका उपचार प्रारंभ कर दिया गया। साथ ही इसकी जानकारी स्टेट टीम तथा डबल्यूएचओ टीम से साझा किया गया तथा अगले 15 दिवस तक निरंतर पोटाकेबिन में सम्बंधित बीमारी के लक्षण वाले बच्चों को आइसोलेशन में रखकर उनका उपचार किया गया और अन्य बच्चों को भी निरंतर निगरानी में रखा गया। अब करीब 10 दिवस के भीतर इस बीमारी पर पूर्णतः नियंत्रण पा लिया गया है और सभी बच्चों में बीमारी से सम्बंधित लक्षण आने बंद हो गए हैं तथा सभी बच्चे पूर्णतः स्वस्थ होने की स्थिति में हैं। उक्त बीमारी के पूर्णतः रोकथाम हेतु पोटाकेबिन में उपस्थित सभी बच्चों का खसरा यथा रूबेला का टीकाकरण किया गया है।
जनजागरूकता सहित टीकाकरण अभियान पर जोर
कलेक्टर श्री हरिस. एस के निर्देशानुसार
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में जिले के सभी ब्लाक में खसरा या रूबेला जैसी बीमारी को जड़ से ख़त्म करने के लिए जनजागरूकता निर्मित करने सहित टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्कूल शिक्षा,आदिवासी विकास इत्यादि विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर युद्ध स्तर पर सभी स्कूल, पोटाकेबिन, आश्रम-छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों तथा गांव-गांव में एक अभियान के तौर पर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को खसरा या रूबेला का टीकाकरण कराया जा रहा है।