रायपुर की टिश्यू कल्चर लैब का बालोद जिले के गन्ना कृषकों ने किया भ्रमण…

www.khabarwala.news

schedule
2024-02-05 | 15:43h
update
2024-02-05 | 15:43h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
रायपुर की टिश्यू कल्चर लैब का बालोद जिले के गन्ना कृषकों ने किया भ्रमण…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 05 फरवरी 2024: गन्ना की फसल के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को राजधानी रायपुर स्थिति गन्ना टिशु कल्चर लेब का भ्रमण कराया जा रहा है। आज बालोद जिले के 29 गन्ना कृषकों ने भ्रमण किया। वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को गन्ने के खेतों का अवलोकन के साथ ही टिशु कल्चर की तकनीक जानकारी दी गई ।

Advertisement

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को फिल्ड में लगे गन्ना किस्म सीओजे 085, वीएसआई 8005 तथा सीओ 86032 के पौधों का प्रत्यक्ष अवलोकन भी कराया गया। किसानों को बताया गया कि टिश्यू कल्चर पौध तैयार करने में लागत प्रति पौध 2.50 रूपये आती है। प्रति हेक्टेयर 7000 पौधे की आवश्यक होती है, जिसकी लागत 17,500 रूपये हाती है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 1000 क्ंिवटल आता है। इसे एमआरपी की दर से बेचने पर आय 03 लाख 55 हजार रूपये प्राप्त होगी। अगर आदान सामग्री लागत 01 लाख रूपये घटा दिया जाए तो कृषकों को 02 लाख रूपये तक शुद्ध लाभ मिल सकती है। जिससे कृषकों की आय दुगुनी होने में सहायक होगी तथा गन्ने की खेती का क्षेत्र बढ़ेगा और अन्य कृषक भी गन्ना शेड से बोने की तकनीक को छोड़कर गन्ना टिश्यू कल्चर पौध बोने लगेंगे, जिससे बालोद जिले में स्थित शक्कर कारखाना को पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध हो सकेगा।

बलोद जिले के भ्रमण करने वाले गन्ना कृषकों में बालोद विकासखण्ड से 07, गुरूर विकासखण्ड से 05, डौण्डी विकासखण्ड से 05, डौण्डीलोहारा विकासखण्ड से 05 एवं गुण्डरदेही विकासखण्ड से 07 किसान शामिल थे। गन्ना कृषक भ्रमण के दौरान गन्ना कृषक वैज्ञानिक डॉ. खूबचंद वर्मा तथा डॉ ताम्रकार से मिले। वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि गन्ना टिश्यू कल्चर तैयार करने के लिए गन्ना का पौध स्वस्थ एवं निरोग होना चाहिए। टिश्यू कल्चर के लिए एक आँख को जार में मदर कल्चर के साथ मिलाकर बंद कर दिया जाता है। जिससे 30 से 40 कंसे निकलते है। प्रत्येक कंसे को अलग-अलग कर पॉली ट्रे में रखा जाता है। इसके उपरांत उसे ग्रीन नेट में रखते हैं। प्रथम स्क्रीनिंग 21 दिन के बाद उसे हॉट नेट में ले जाया जाता है। द्वितीय स्क्रीनिंग 20 दिन के बाद पॉलीवेग में ट्रांसफर किया जाता है। इसके पश्चात कृषकों को बोनी करने हेतु प्रदाय किया जाता है।

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
17.11.2024 - 20:05:48
Privacy-Data & cookie usage: