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- 2,335 प्रश्नों की विधानसभा को मिली अब तक सूचना।
- 1,162 तारांकित और 1,173 अतारांकित प्रश्नों की संख्या।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का द्वितीय सत्र (बजट सत्र) राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण के साथ सोमवार को शुरू हो गया। अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही पहले 5 मिनट इसके बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायकों ने जमकर टोंकाटाकी की।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, राज्यपाल बोले- प्रदेश में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआCG Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, राज्यपाल बोले- प्रदेश में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआ
बजट सत्र के लिए अब तक इतनी सूचनाएं
2,335 प्रश्नों की विधानसभा को मिली अब तक सूचना।
1,162 तारांकित और 1,173 अतारांकित प्रश्नों की संख्या।
08 फरवरी 2026 तक विधायक लगा सकेंगे प्रश्न।
10 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, शून्यकाल की 06 सूचनाएं।
10 याचिका और 05 अशासकीय संकल्प की सूचना।
01 नियम 139 के अधीन अवलंबनीय लोक महत्व के विषय।
12 और 13 फरवरी को आय-व्यय पर सामान्य चर्चा।
12 और 13 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के आय-व्यय पर सामान्य चर्चा होगी। 14 से 26 फरवरी तक सभा में विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। आय-व्यय की मांगो से संबंधित विनियोग विधेयक पर चर्चा और पारण के लिए 27 फरवरी की तिथि निर्धारित है।
ये तीन संशोधन विधेयक होंगे पेश
छत्तीसगढ़ राजिम माघी पुन्नी मेला (संशोधन) विधेयक, 2024: इस विधेयक के पारित होने के बाद राजिम माघी पुन्नी मेला का नाम बदलकर राजिम माघी कुंभ कल्प किया जा सकता है। राजिम कुंभ एक बार फिर पहले की तरह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। कांग्रेस सरकार में इसका नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला किया गया था।
छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2024: इस संशोधन में ‘जिला न्यायाधीश‘ को ‘प्रधान जिला न्यायाधीश‘ और ‘अपर जिला न्यायाधीश‘ को ‘जिला न्यायाधीश‘ करने का प्रविधान रखा गया है। इसी तरह ‘व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी‘ और ‘व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी‘ और ‘जिला न्यायालय‘ को ‘प्रधान जिला न्यायालय‘ से प्रतिस्थापित करने का प्रविधान रखा गया है।
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2024: इसमें माल एवं सेवा कर में आवश्यक सुधार का प्रस्ताव है।