www.khabarwala.news
raipur@khabarwala.news
रायपुर। प्रदेश में किसानों से बीते 96 दिनों से समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी की प्रक्रिया रविवार को थम गई। शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख टन धान की रिकार्ड खरीदी हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 107.53 लाख टन धन की खरीद हुई थी। इस वर्ष 37.39 लाख टन अधिक खरीदा गया है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक नवंबर 2023 से शुरू हुई थी।
छत्तीसगढ़ में हुई 145 लाख टन धान की खरीदी, टूटा पिछले वर्ष का रिकार्ड, 24 लाख से अधिक किसानों को 30.68 हजार करोड़ का भुगतानCG News: छत्तीसगढ़ में हुई 145 लाख टन धान की खरीदी, टूटा पिछले वर्ष का रिकार्ड, 24 लाख से अधिक किसानों को 30.68 हजार करोड़ का भुगतान
चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर चार फरवरी की थी। मुख्यमंत्री के इस फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने एक से लेकर चार फरवरी के मध्य समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा है। अंतिम रिपोर्ट आने पर किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेचे गए धान की मात्रा में और वृद्धि होने की संभावना है।
राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस वर्ष धान बेचने के लिए प्रदेश के 26.85 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था। पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था। चार फरवरी शाम सात बजे तक राज्य में 24 लाख 72 हजार 310 किसान समर्थन मूल्य पर 144 लाख 92 हजार टन धान बेच चुके थे। किसानों को धान बेचने के बदले अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है। 105.18 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है। मिलरों की ओर से 97.90 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है।
समय सीमा बढ़ाने की मांग
कांग्रेस ने प्रदेश में किसानों से धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार वादे के अनुसार किसानों से धान खरीदी करने से बच रही है। धान संग्रहण केंद्रों में किसानों को मांग अनुसार टोकन, बारदाना नहीं दिया गया, जिसके चलते किसान उपज को बेच नहीं पाए हैं। किसानों को धान बेचने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। धान खरीदी की तिथि एक महीना और बढ़ाई जाए। प्रदेश में लाखों पंजीकृत किसान अभी भी धान बेचने से वंचित हैं। उन्होंने किसानों को न्याय योजना की चौथी किस्त की राशि का भुगतान भी तत्काल करने की मांग की। धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने सरकार बनने पर किसानों को धान की कीमत एकमुश्त 3100 रुपये प्रति क्विंटल पंचायत भवन में नगद देने का वादा किया था, जो नहीं मिल रहा हैं। अभी किसानो को धान की कीमत प्रति क्विंटल मात्र 2183 रुपये मिल रहा है।