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- –नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा कैंप खोलकर, ग्रामीणों तक मूलभूत सुविधा पहुंचाना लक्ष्य
- –नक्सली नहीं चाहते ग्रामीण विकसित हो, इसलिए कर रहे कैंप का विरोध
- –सुकमा में नक्सली हमले में सुरक्षा बल के तीन जवान बलिदान और 15 जवान हुए घायल
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनते ही, नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ाई तेज हुई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैंप खोलकर ग्रामीणों तक सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। नक्सली नहीं चाहते की ग्रामीणों तक सरकारी योजनाएं पहुंचे और गांव और ग्रामीण विकसित हो। कैंपों के खुलने से नक्सलियों को जनाधार खोने का भय सता रहा है, इसलिए नक्सली बौखलाए हुए हैं।
यही कारण है कि मंगलवार को टेकुलगुडेम में सुरक्षा कैंप स्थापित करने पहुंचे जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया ताकि सुरक्षा कैंपों को खोलने से रोका जा सके। इसके बाद भी हमारे जवानों के शौर्य से उनके गढ़ में कैंप खोलने में सफलता मिली है। जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलिदान जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान ये बातें कहीं।
CM साय बोले- नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को किया जाएगा तेज
रायपुर स्थित अस्पताल में उपचार ले रहे जवानों ने बताया की सुरक्षा बल ने वीरता के साथ नक्सली हमले का जवाब दिया है और कई नक्सलियों को भी ढेर किया है। जवानों के हौसले बुलंद है। आने वाले समय में और अधिक तेजी से नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को तेज किया जाएगा। नक्सली क्षेत्रों में कैंप खोलकर वहां से सुरक्षा, शांति और विकास के प्रयास तेज किए जाएंगे।
इस बारे में गृहमंत्री अमित शाह से भी चर्चा हुई है। डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य नक्सलवाद का खात्मा कर क्षेत्र में शांति की स्थापना करने का है। जल्द ही नक्सलियों का समूल सफाया कर दिया जाएगा। सुकमा में हुए नक्सली हमले में सुरक्षा बल के तीन जवान वीरगति को प्राप्त हुए और 15 जवान घायल हुए हैं।