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- इन्सान के जन्म से मृत्यु तक हर पल कोई ना कोई परीक्षा देनी होती है-कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी
- शासकीय नत्थुजी जगताप नगरनिगम हायर सेकेण्डरी स्कूल धमतरी में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुईं कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी
धमतरी, 29 जनवरी 2024: देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का वार्षिक कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण का आयोजन आज नई दिल्ली के भारत मंडपम किया गया, जिसका सीधा प्रसारण पूरे देश सहित जिले में भी किया गया। स्थानीय शासकीय नत्थूजी जगताप नगरनिगम हायर सकेण्डरी स्कूल धमतरी में आयोजित प्रधानमंत्री श्री मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी शामिल हुईं। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि श्री उमेश साहू सहित स्कूल के शिक्षकवृंद, पालक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुये। इसके आलावा जिले के विभिन्न स्कूलों में भी प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा का ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया।
प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की। उन्होंने स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे बच्चों में लचीलापन पैदा करना और उन्हें दबावों से निपटने में मदद करना महत्वपूर्ण है। छात्रों की चुनौतियों का समाधान अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी सामूहिक रूप से करना चाहिए। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा छात्रों के विकास के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक नौकरी की भूमिका में नहीं हैं बल्कि वे छात्रों के जीवन को संवारने की जिम्मेदारी निभाते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड नहीं बनाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के बीच का बंधन पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए। अपने बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के बीज कभी न बोएं। बल्कि भाई-बहनों को एक.दूसरे के लिए प्रेरणा बनना चाहिए। अपने सभी कार्यों और अध्ययन में प्रतिबद्ध और निर्णायक बनने का प्रयास करें। जितना संभव हो उत्तर लिखने का अभ्यास करें। यदि आपके पास वह अभ्यास है तो परीक्षा हॉल का अधिकांश तनाव दूर हो जाएगा। प्रौद्योगिकी को बोझ नहीं बनना चाहिए। इसका विवेकपूर्ण उपयोग करें। सही समय जैसा कुछ नहीं है इसलिए इसका इंतजार न करें। चुनौतियाँ आती रहेंगी और आपको उन चुनौतियों को चुनौती देनी होगी। यदि लाखों चुनौतियाँ हैं, तो अरबों समाधान भी हैं। असफलताओं से निराशा नहीं होनी चाहिए। हर गलती एक नई सीख हैं। उचित शासन के लिए भी नीचे से ऊपर तक उत्तम सूचना की व्यवस्था और ऊपर से नीचे तक उत्तम मार्गदर्शन की व्यवस्था होनी चाहिए। मैंने अपने जीवन में निराशा के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी हैं।
कलेक्टर सुश्री गांधी ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि इंसान का सबसे पहला परीक्षा वह होता है, जब बच्चा जन्म लेता है और दूध पीना सीखता है। छः माह में बच्चे को खाना, फिर चलना, बोलना, अपनी बातों को समझाना इत्यादि भी परीक्षा की ही श्रेणी में आते हैं। आप सभी इन परीक्षाओं को पार कर इस मुकाम पर पहुंचे हो तो अब स्कूल के परीक्षा के लिये टेंशन क्या लेना। उन्होंने बच्चों को योजना तैयार कर परीक्षा दिलाने और निश्चिंत होकर पढ़ाई करने के लिये प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि श्री उमेश साहू ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज हमें परीक्षाओं की तैयारी के बारे में काफी रोचक बातें बतायीं हैं, उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करते हुये आगे बढ़ेंगें तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी। इसके अलावा उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि वे परीक्षाओं में किसी तरह का तनाव नहीं लें और बार-बार लिखकर याद करें, ताकि किसी भी सवाल का जवाब भी पूरी तरह से याद हो जाये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम विकसित भारत की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जिसमें आप सबकी भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में उपस्थित कक्षा बारहवीं की सरिता साहू, ललित कुमार साहू और ग्यारहवीं के तरूण कुमार ने बताया कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम देखा, जिसमें प्रधानमंत्री ने प्रेरणादायक बातें जैसे परीक्षा के समय घबराना नहीं चाहिये, मोबाईल का उपयोग कम से कम और काम के समय ही करना, मन लगाकर पढ़ाई करना इत्यादि बातें सिखायीं हैं, जिससे आगामी परीक्षाओं के लिये हमारा मनोबल और बढ़ गया है तथा हम पूरी लगत और मेहनत से पढ़ाई कर परीक्षा में सफल होंगे।