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रायपुर, 10 जनवरी 2024: मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा ने क्रेडा प्रधान कार्यालय में सौर सुजला योजना, जल जीवन मिशन, सोलर हाईमास्ट, बायोगैस तथा स्थापित संयंत्रों के सुचारू रूप से संचालन एवं संधारण सहित विभिन्न परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर प्रधान कार्यालय के समस्त वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने खेती किसानी के लिए प्रदेश के किसानों को खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये कहा है। सौर सुजला योजना के तहत् 1 लाख 52 हजार 926 संयंत्र अब तक स्थापित किये जा चुके हैं, जिससें 1 लाख 83 हजार 511 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो रही है। दूरस्थ अंचलों के क्षेत्र के किसानों के लिए सौर सुजला योजना लोकप्रिय हो चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में 5 हजार 985 संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगतिरत् है, जिससे 7182 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। इन स्थापित पम्पों से प्रतिवर्ष लगभग 07 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है।
समीक्षा बैठक में श्री राणा ने जिन इकाईयों के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है एवं लक्ष्य के विरूद्ध 60% से कम प्रगति वाली इकाईयों को नोटिस जारी करने तथा कॉल सेन्टर में लंबित शिकायतों को निराकृत करने के निर्देश हैं।
उन्होंने सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के माध्यम से नदी, एनीकटों में उपलब्ध सतही जल को आसपास के कृषि भूमि में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जाता है। अब तक इस योजनान्तर्गत कुल 229 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, जिससे लगभग 2682 कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं 2814 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हुई है।
इंदिरा गाँव गंगा योजना के माध्यम से नदी, एनीकटों में उपलब्ध सतही जल का उपयोग कर ग्रामवासियों की निस्तारी के लिये आसपास के तालाबों को भरा जाता है। इस योजनान्तर्गत अब तक कुल 33 कार्य पूर्ण हुए हैं, जिसके तहत् कुल 48 तालाब भरे गये हैं एवं 25 कार्य प्रगतिरत् हैं।
हर घर तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से क्रेडा द्वारा सोलर पेयजल पंपों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 7 हजार 601 सोलर पम्पों की स्थापना कार्य किया जा चुका है तथा 3 हजार 367 संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगतिरत् है तथा 188 सर्वे हेतु लंबित कार्यों को निरस्त करने तथा 2283 स्थल जहाँ कार्य शुरू नहीं किया गया है, उन इकाईयों को नोटिस जारी करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश में स्थापित बायोगैस संयंत्रों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने एवं नवीन बायोगैस निर्माण हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक निर्माण तथा ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत अधिक से अधिक ऊर्जा क्लबों के गठन एवं विद्यालयों एवं क्रेडा द्वारा संचालित ऊर्जा पार्क में जागरूकता कार्यक्रम के प्रस्ताव प्रस्तुत करने का सुझाव दिया गया है।