सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब अनियमितता मामले में याचिका में ईडी की ओर से उन्हें धारा 50 के तहत जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई…

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 रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब अनियमितता मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दो हफ्ते के भीतर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इसी अवधि में उस एफआइआर की प्रति भी पेश करनी होगी जिसके आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह निर्देश पारित किया। अदालत ने 15 फरवरी का मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। इस मामले में आइएएस अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा के अधिवक्ता मनीष भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। जिसमें यश टुटेजा ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 50 और धारा 63 की शक्तियों को चुनौती दी है। याचिका में ED की ओर से उन्हें धारा 50 के तहत जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई है।

अनवर और करिश्मा ने भी दायर की याचिका

इसी तरह की याचिका अनवर ढेबर और करिश्मा ने भी दायर की है। इससे पहले बीते वर्ष के अक्टूबर की शुरुआत में अदालत ने ED को छत्तीसगढ़ शराब अनियमितता मामले से संबंधित मनी लान्ड्रिंग मामले में कुछ समय के लिए रोकने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने यह मौखिक टिप्पणी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दी थी।

क्या सामने आया है ED की जांच में

ED की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2019 से लेकर 2022 के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी ने होटल कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर बड़ा शराब घोटाला किया। दोनों ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश करके नीतिगत बदलाव किए। जिससे अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर मिला। ED का आरोप है कि राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने राज्य संचालित दुकानों से बेहिसाब कच्ची शराब भी बेची।ED का यह भी आरोप है कि ढेबर और त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट ने दो हजार करोड़ रुपये कमाए। जिसका कमीशन ढेबर और त्रिपाठी को मिला।

कई जगह छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति मिली

ED की ओर से इस मामले में रायपुर, भिलाई और मुंबई में चलाए गए तलाशी अभियान में करोड़ों की संपत्ति मिली है। अनवर ढेबर की नवा रायपुर में 53 एकड़ जमीन का सुराग मिला। 21.60 करोड़ की कीमत वाली इस संपत्ति को शराब लाइसेंसधारी से अर्जित अपराध की आय का उपयोग करके एक सहयोगी के नाम पर लेनदेन कर खरीदी गई थी। मुंबई में तलाशी के दौरान शराब ठेकेदार के सहयोगी अरविंद सिंह और उसकी पत्नी पिंकी सिंह के नाम पर एक शेयर ट्रेडिंग फर्म में लगभग एक करोड़ रुपये का बेहिसाब निवेश पाया गया और इसे पीएमएलए के तहत फ्रीज कर दिया गया है। ED ने शराब ठेकेदार त्रिलोक सिंह ढिल्लन की 27.5 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट जब्त कर ली थी। इससे पहले ED ने एक देशी शराब डिस्टिलर के घर से 28 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किये थे।

 

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