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उत्तर बस्तर कांकेर, 03 जनवरी 2024: जिले के नरहरपुर विकासखंड अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम पंचायत मावलीपारा में आज प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (प्रधानमंत्री जनमन योजना) के तहत विशेष ग्रामसभा का आयोजन हुआ। उक्त ग्राम सभा में कांकेर विधानसभा के विधायक श्री आशाराम नेताम और कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला शामिल हुईं, जहां पर उन्होंने पीपल पेड़ के नीचे ज़मीन पर बैठकर चौपाल लगाई और ग्रामीणों की विभिन्न मांगें व समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने एक-एक करके अपनी समस्याएं रखीं। ग्रामसभा में ग्रामीणों ने पेयजल उपलब्धता की समस्या, लो-वोल्टेज, स्कूल मरम्मत, आवास एवं आंगनबाड़ी की मांग सहित गांव की अन्य विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए। इस दौरान विधायक एवं कलेक्टर ने विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत ग्रामीणों को सहायक उपकरण, राशन कार्ड, छड़ी एवं श्रवण यंत्र तथा आयुष्मान कार्ड वितरित किए।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत मावलीपारा में विधायक श्री आशाराम नेताम ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार आमजनता को सभी शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आज विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया है, जहां विशेष पिछड़ी जनजाति को शासन की शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ दिलाने की कवायद की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि योजनाएं आमजनता के कल्याण के लिए बनाई जाती हैं। ग्रामीणों को अपनी आय दुगनी करने मेहनत के साथ-साथ शासन की योजनाओं की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। ग्रामसभा में कलेक्टर ने ग्रामीण महिलाओं से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार गांव की महिलाओं का कौशल उन्नयन करते हुए उन्हें स्वरोजगार और व्यवसाय से जोड़कर लखपति बनाया जाएगा, जिसके लिए लखपति दीदी योजना लाई जा रही है। इसके लिए सभी को जागरूक होकर शासन की योजनाओं का लाभ उठाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में मेहनत कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने केरल के महिला समूहों का उदाहरण देते हुए स्वसहायता समूह की सदस्यों को बाजार की मांग के अनुसार रोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।
योजनाओं से लाभान्वित हुए ग्रामीण, वितरित किए गए उपकरण एवं सामग्री-
ग्राम मावलीपारा में विशेष ग्रामसभा के आयोजन के साथ-साथ विकसित भारत संकल्प यात्रा का भी आयोजन किया गया, जहां पर विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही शिविर लगाकर ग्रामीणों को लाभान्वित भी किया गया। शिविर में राजस्व विभाग की ओर से 11 ग्रामीणों को बी-वन, खसरा वितरित किया गया। खाद्य विभाग की ओर 04 महिलाओं को नया राशन कार्ड बनाकर समाज कल्याण विभाग द्वारा 06 ग्रामीणों को निःशुल्क छड़ी और दो को श्रवण यंत्र वितरित किए गए। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल में 13 ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड बनाकर मौके पर वितरित किया गया। इसके अलावा आधार अपडेशन का कार्य भी कैम्प लगाकर किया गया। इसी तरह 72 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जहां मधुमेह के 14 और बीपी के 21 नए मरीज पाए गए। सभी मरीजों को निःशुल्क दवा वितरित कर समीप के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी गई। इस दौरान मेरी कहानी मेरी जुबानी थीम के तहत विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही नन्हे-मुन्ने बच्चों के द्वारा मनमोहक नृत्य कर समा बांधा।
समूह की दीदियों ने लघुनाटिका के जरिए बताया प्राकृतिक खेती का महत्व-
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आज नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मावलीपारा में आयोजित शिविर में ‘धरती कहे पुकार के‘ थीम के तहत बताया गया- “यहां की मिट्टी और मेरे यहां की मिट्टी में काफी अंतर है…। यहां की हरियाली और मेरे यहां की हरियाली में बहुत फर्क है…। जहरीले रसायन के प्रयोग से तन के साथ-साथ मन भी जहरीला हो गया है, मिट्टी भी जहरीली हो गई है…।“
नरहरपुर विकासखंड के ग्राम मावलीपारा में जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह की महिलाओं ने अपने अभिनय के माध्यम से जानकारी दी। समूह की महिला श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, मीना कश्यप, अहिमत नेताम, गूंजा पांडे ने अपनी लघु नाटिका के माध्यम से बताया कि फर्टिलाइजर और रासायनिक कीटनाशक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से किस तरह मानव जीवन खतरे में पड़ गया है। महिलाओं ने बताया कि रासायनिक दवाओं और कीटनाशकों के बेतरतीब उपयोग से मिट्टी और मनुष्य दोनों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। आज मानव शरीर विभिन्न प्रकार की गंभीर और जानलेवा बीमारियों का घर बन चुका है। यह भी बताया गया कि पुराने समय लोग प्राकृतिक पद्धति से खेती करते हुए खेतों में जैविक और गोबर खाद का प्रयोग करते थे। तब मिट्टी और मनुष्य दोनों सेहतमंद हुआ करते थे। समूह की महिला श्रीमती राजेश्वरी नेताम, राधिका मरकाम, उषा सेन, ममता साहू, मालती साहू आदि ने रासायनिक खेती को त्यागकर प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील ग्रामीणों से की।