सोगड़ा में रखी गई थी चाय उत्पादक राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ के पहचान की नींव…

www.khabarwala.news

schedule
2023-12-28 | 16:45h
update
2023-12-28 | 16:45h
person
khabarwala.news
domain
khabarwala.news
सोगड़ा में रखी गई थी चाय उत्पादक राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ के पहचान की नींव…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 28 दिसंबर 2023: जशपुर के चाय उत्पादक जिला के रूप में पहचान दिलाने की शुरूआत वर्ष 2010 में जिले के मनोरा ब्लाक में स्थित अघोरेश्वर भगवान राम की तपोभूमि सोगडा से हुई थी। यहां चाय के पौधों का रोपण, अघोरेश्वर गुरूपद संभवराम जी के मार्गदर्शन में किया गया था। उनके मार्गदर्शन में चाय पत्ती की खुशबू जशपुर और भारत की सीमा से निकल कर चीन और जापान जैसे देशों तक पहुंचने लगी है।

सोगड़ा में मई 2010 में चाय बगान लगाए जाने के बाद लगातार चाय पत्ती की तुड़ाई की जा रही है। इन पत्तियों से 22 प्रतिशत तक ग्रीन चाय प्राप्त हो रहा है। उत्पादित चाय के परीक्षण के लिए चीन व जापान के अंतराष्ट्रीय चाय विशेषज्ञों व राष्ट्रीय चाय विकास बोर्ड के पास भेजा गया था। विशेषज्ञों ने सोगड़ा की ग्रीन टी को असम व दार्जिलिंग से बेहतर होने की पुष्टि कर दी है। जापान व चीन, जहां विश्व में सबसे अधिक ग्रीन टी की खपत होती है,जशपुर की जलवायु चाय के उत्पादन के बेहद अनुकूल है।

Advertisement

वर्तमान में सौगड़ा में असम में पाए जाने वाली चाय की प्रजाति टीवी 25, 26, 27, दार्जिलिंग की सीपी-1, पीके 78, टीवी और एवी का रोपण किया गया है। जुलाई के प्रथम सप्ताह में रोपे गए इन पौधे की ग्रोथ 4 महीने में ही दो से ढाई फीट की ग्रोथ देखी जा रही है, जबकि असम व दार्जिलिंग में इन पौधों को इतना विकसित होने में ढाई साल लग जाते हैं। यहां उत्पादित चाय पत्ती की प्रोसेसिंग के लिए लगभग 40 लाख की लागत से टी प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की गई है।

हजारीबाग मे बाबा को मिली थी प्रेरणा –

जिले में चाय उत्पादन की प्रेरणा गुरूपद संभव बाबा को हजारीबाग में मिली थी। गुरूपद संभव राम यहां अपने एक भक्त के घर आए हुए थे। भक्त के घर में चाय के लहलहाते पौधे को देख कर जशपुर में चाय उत्पादन की प्रेरणा उन्हें मिली थी। गुरूपद संभव राम, अपने साथ चाय के पौधे लेकर सोगड़ा आए और इन्हें विशेषज्ञों की देखरेख में रोपा गया था। प्रयोग सफल होने पर,शुरूआत में आश्रम के प्रांगड़ के 7 एकड़ में चाय बगान विकसित किया गया है। अब इसका रकबा 20 एकड़ से अधिक हो चुका है। वहीं, गुरूपद संभवराम जी की प्रेरणा ग्रहण करते हुए, छत्तीसगढ़ शासन जिले के जशपुर, मनोरा और बगीचा तहसील में 85 एकड़ से अधिक रकबा में चाय बगान विकसीत कर चुकी है। शासन ने चाय पत्ति की प्रोसेसिंग के लिए बालाछापर में प्रोसेसिंग यूनिट का संचालन भी कर रही है।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन –

सोगड़ा आश्रम,धार्मिक आस्था का केन्द्र होने के साथ,समाज सेवा की गतिविधियों का संचालन किया जाता है। यहां प्रतिवर्ष निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञ चिकित्सक आ कर अपनी सेवाएं जरूरतमंद मरीजों को देते हैं। इन शिविरों में चिकित्सकीय परामर्श के साथ मरीजों को निःशुल्क दवाई का वितरण भी किया जाता है। सोगड़ा आश्रम पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम से भी जुड़ा हुआ है।

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
khabarwala.news
Privacy & Terms of Use:
khabarwala.news
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
06.11.2024 - 02:20:33
Privacy-Data & cookie usage: