लोकसेवा आयोग की राज्य सेवा भर्ती वर्ष 2021-22 की भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का लगा है आरोप…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (CGPSC) के माध्यम से हाल ही में राज्य सेवा भर्ती वर्ष 2021-22 की भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। इसी तरह अब सिविल जज (व्यवहार न्यायाधीश) भर्ती परीक्षा भी विवादों में है। इसमें राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी संशोधित माडल आंसर जारी नहीं किया गया है।

प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित माडल आंसर जारी किए बिना ही मुख्य परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है। सिविल जज की प्रारंभिक परीक्षा 26 फरवरी, 2023 को हुई थी, जिसका परिणाम 11 मई को जारी किया गया था।

प्रारंभिक परीक्षा की अभ्यर्थी ने की थी माडल आंसर की मांग

प्रारंभिक परीक्षा की अभ्यर्थी मासूम राठौर ने सूचना के अधिकार के तहत प्रारंभिक परीक्षा के कटआफ, व्यक्तिगत स्कोर और संशोधित माडल आंसर मांगा। सीजीपीएससी ने इसे परीक्षा प्रक्रिया लंबित होने का तर्क देकर खारिज कर दिया। इसके खिलाफ अभ्यर्थी ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। कोई सुनवाई नहीं होने पर दूसरी अपील की।

राज्य सूचना आयोग ने 21 नवंबर को लोकसेवा आयोग को सात दिन में मांगी गई सूचना देने का आदेश दिया। फिर भी सीजीपीएससी ने जानकारी नहीं दी और कहा कि हम हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। अभ्यर्थी ने भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, पर शीतकालीन अवकाश होने से सुनवाई आठ जनवरी को होगी।

दो जनवरी से शुरू हो रहा है साक्षात्‍कार

सिविल जज के 48 पदों के लिए दो जनवरी से साक्षात्कार शुरू हो रहा है। पहले साक्षात्कार दिसंबर में होना था, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। पहले चरण का साक्षात्कार दो से पांच जनवरी और दूसरे चरण का आठ से 11 जनवरी को होगा। 152 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए चिह्नित किए गए हैं। इधर परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने कुछ बोलने से इन्कार कर दिया।

 

 

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