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देश में लगभग दो साल तक चिंता का पर्याय बने रहे कोविड वायरस ने एक बार फिर से सभी को चिंता में डाल दिया है. इसके एक नये वैरिएंट के बारे में पता चला है जोकि अभी तक के मिले सभी वैरिएंट का एक नया वर्जन है. JN.1 उप-संस्करण BA.2.86 (जिसे पिरोला भी कहा जाता है) का एक नया उप-वंश है-जो अपने आप में व्यापक रूप से प्रसारित ओमीक्रॉन वैरिएंट का एक ऑफ-शूट है.
हाल ही में केरल में एक 78 साल की महिला शनिवार को देश में इस वेरिएंट से संक्रमित होने वाली पहली महिला थीं. जिनके Sars-CoV-2 के JN.1 वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. ये वही वेरिएंट है जिसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सभी देशों को चेतावनी जारी की थी.
केरल में कोविड के केस सबसे ज्यादा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 127 मामले आए हैं जिनमें से अकेले 111 मामले केरल के हैं. केरल में सोमवार को कोविड-19 के 111 नए मामले आने के बाद कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,634 हो गई.
क्या बोलीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘चिंता की कोई जरूरत नहीं है. यह एक उपस्वरूप है. कुछ महीनों पहले, सिंगापुर हवाई अड्डे पर जांच के दौरान कुछ भारतीयों में यह उपस्वरूप मिला था. केरल ने जीनोम अनुक्रमण के माध्यम से यहां उपस्वरूप की पहचान की है. चिंता करने की कोई बात नहीं है. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
हालांकि, मंत्री ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा कि जिन लोगों को अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि नया उपस्वरूप देश के अन्य हिस्सों में भी मौजूद है और केरल की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के कारण चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
क्या बोली आईसीएमआर की निदेशक राजीव बहल?
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने कहा कि तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम में आठ दिसंबर को आरटी-पीसीआर जांच में यह मामला मिला था. 79 वर्षीय महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे और वह कोविड से उबर चुकी हैं.