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अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है. वहीं अगले साल 22 जनवरी को रामलला को गर्भगृह में स्थापित कर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. राम मंदिर का निर्माण बेहद खास तरीके से किया जा रहा है. जिसके तहत रामलला को गर्भगृह में कुछ इस तरह से स्थापित किया जाएगा कि सिंहद्वार से प्रवेश करते ही भक्तों को रामलला के दर्शन बड़ी ही आसानी से हो जाएंगे.
मंदिर निर्माण में इस खास बात का भी ध्यान रखा गया है कि सिंह द्वार से राम मंदिर में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु गर्भगृह की ओर आते हुए तकरीबन 320 फीट की दूरी तक रामलला को देख सकेंगे. वहीं गर्भगृह के पास पहुंचकर वह काफी स्पष्ट तौर पर रामलला के दर्शन कर पाएंगे. यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने दी है.
दक्षिणी दरवाजे से बाहर निकलेंगे श्रद्धालु
दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में शामिल हुए थे. जिसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने दिर निर्माण की प्रगति के संबंध में जानकारी शेयर की है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालु भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन के बाद दक्षिणी दरवाजे से बाहर परकोटे में निकलेंगे. जहां पर वह 75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में स्थित कुबेर टीला को देखने जा सकते हैं.
25 हजार क्षमता वाले यात्री सुविधा केंद्र का हो रहा निर्माण
उन्होंने जानकारी दी है कि मंदिर में भक्तों के सामान को रखने की व्यवस्था के लिए यात्री सुविधा केंद्र भी बनाया गया है. उनका कहना है कि 25 हजार की क्षमता वाले यात्री सुविधा केंद्र में 25 दिसंबर से लाकर लगाने का काम शुरू होगा. उनके अनुसार 31 दिसंबर तक यात्री सुविधा केंद्र में सभी लाकर लगाने के साथ ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर सभी निर्माण और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े काम पूरे कर लिए जाएंगे.