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चीन ने कहा है कि उनके यहां ज्यादातर बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी फैल रही है. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने बीजिंग से इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी मांगी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी अस्पताल बीमार बच्चों से भरे हुए हैं. इन बच्चों को सांस से संबंधी समस्या आ रही है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चीनी अधिकारियों ने 12 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चीन में सांस संबंधी बीमारियों में इजाफे की जानकारी दी है.
डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी के लिए कोविड-19 प्रतिबंध में ढील देने को जिम्मेदार बताया है. डब्ल्यूएचओ ने बीमार हुए बच्चों में इन्फ्लूएंजा, SARS-CoV-2, माइकोप्लाज्मा निमोनिया को लेकर अतिरिक्त जानकारी मांगी है. चीन में बच्चों के बीमार होने की हालिया घटनाएं कोविड जैसे लक्षणों को दोहराती नजर आ रही है.
मरीजों की लंबी कतार
चीनी समाचार चैनल ने बीमार बच्चों के परिवार के हवाले से बताया कि इस बीमारी का कोई नया लक्षण नहीं है, बल्कि बच्चों का शारीरिक तापमान बढ़ा रहता है और फेफड़ों में गांठ सी बन जाती है. बच्चों के इलाज के लिए चीन की अस्पतालों में लंबी कतारें लगीं हैं. बीमारियों पर निगरानी रखने वाली वेबसाइट प्रोमेड मेल अलर्ट में एक मेडिकल स्टाफ के हवाले से बताया गया, ‘मरीजों को 2 घंटे तक लाइन में इंतजार करना पड़ता है और हम सभी इमरजेंसी विभाग में हैं.
चाइना डेली की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “चीन में सांस संबंधी संक्रमण रोगों का पीक सीजन आ गया है, जिसमें कई तरह के पैथोजेन्स लोगों के बीच आदान-प्रदान हो रहा है.” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, “इस बीमारी की चपेट में कुछ शिक्षक भी आ गए हैं, कथित तौर पर कुछ स्कूलों को बीमारी की वजह से बंद कर दिया गया है.”