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नई दिल्ली: देश की 35वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ऐलान हो गया है। यह ट्रेन झारखंड की औद्योगिक नगरी टाटानगर से उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी के बीच चलेगी। इससे झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार के लोगों का भी फायदा होगा। रेलवे ने इस ट्रेन टाइम टेबल बना दिया गया है लेकिन इसे चलाने की तारीख तय नहीं की है। माना जा रहा है कि दिवाली के आसपास इस ट्रेन को शुरू किया जा सकता है। यह देश की 35वीं और झारखंड की तीसरी वंदे भारत ट्रेन होगी। उत्तर प्रदेश की भी यह तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। देश की पहली वंदे भारत ट्रेन साल 2019 में वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलाई गई थी जबकि झारखंड को पहली ट्रेन इसी साल जून में मिली थी।
रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक टाटानगर और वाराणसी के बीच चलाई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस आठ कोच की होगी और हफ्ते में छह दिन चलेगी। यह पुरूलिया, बोकारो, गोमो, गया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर रुकेगी। टाटानगर से वाराणसी की 574 किलोमीटर की दूरी 7 घंटा 50 मिनट में इस दूरी को तय करेगी। इस दौरान ट्रेन की औसत स्पीड 73.3 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वापसी में यह सात घंटे 25 मिनट का समय लेगी और इस दौरान ट्रेन की एवरेज स्पीड 77.4 किमी प्रति घंटे होगी।
टाइम टेबल
रेलवे के मुताबिक यह ट्रेन टाटानगर से सुबह छह बजे वाराणसी के लिए खुलेगी। यह 7.18 बजे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया पहुंचेगी। 8.23 बजे यह बोकारो, 10.58 बजे गया और दोपहर बाद 1.07 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचेगी। पुरुलिया, बोकारो और गया में इसका दो मिनट का स्टॉपेज होगा जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर यह पांच मिनट रुकेगी। यह ट्रेन दोपहर बाद 1.50 बजे वाराणसी पहुंचेगी। वापसी में यह दोपहर बाद 2.35 बजे वाराणसी से खुलेगी। यह ट्रेन 3.02 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, 5.08 बजे गया, 7.38 बजे बोकारो स्टील सिटी और 8.32 बजे पुरूलिया पहुंचेगी। हरेक स्टेशन पर इसका दो मिनट का स्टॉपेज होगा। यह ट्रेन रात के दस बजे टाटानगर स्टेशन पहुंचेगी।
देश की पहली वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच 2019 में शुरू की गई थी। उत्तर प्रदेश की दूसरी वंदे भारत इसी साल जुलाई में लखनऊ से गोरखपुर के बीच शुरू हुई थी। इसी तरह झारखंड की पहली वंदे भारत जून में रांची से पटना के बीच शुरू की गई थी। झारखंड की दूसरी वंदे भारत ट्रेन पिछले महीने रांची से हावड़ा के लिए चलाई गई थी। देश में अब तक 34 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। अभी इसे शताब्दी के रूट पर चलाया जा रहा है। रेलवे अब स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बना रहा है जिसे राजधानी के रूट पर चलाने की योजना है।