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रायपुर: तीज पर्व को लेकर बाजार सज गया है. तरह तरह की साड़ियां, चूड़ी और पूजा सामग्री से बाजार पट गया है. ऐसे में इस बार तीज के साथ दो और पर्व हैं. इसको लेकर पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि हमलोगों का सौभाग्य हैं कि एक ही दिन तीन पर्व होनेवाले हैं. तीज व्रत, विश्वकर्मा पूजा, गणेश चतुर्थी सहित अन्य पूजा का एक साथ होना ये बहुत शुभ हैं. उन्होंने कहा तीज व्रत 18 सितंबर को मनाया जाएगा.
पंडित मनोत्पल झा ने कहा कि कहा तीज पर्व सुहागिन महिलाओं और कुंवारी लड़की दोनों कर सकती हैं. तीज महापर्व 18 सितंबर को मनाया जाएगा. यह पर्व भाद्र मास शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं सहित कुंवारी स्त्रियां भी कर सकती हैं. साथ ही साथ यह व्रत करने के लिए महिलाओं को निराहार और निर्जला रहना होगा. यह पर्व कोई भी स्त्री कर सकती है. सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और मंगल कामना के लिए व्रत करती है,लेकिन शास्त्रों का कहना हैं कि यह हरितालिका तीज व्रत कुंवारी स्त्रियां भी कर सकती हैं. जिससे उन्हें मनचाहा योग्य वर की प्राप्ति होगी.
इस समय तक होगी पूजा
पंडित जी ने बताया कि इसमें महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती हैं. इसे हस्तगोरी नमक व्रत भी कहा जाता है. जिसमें माता गौरी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. तीज व्रत को तृतीय नक्षत्र का प्रवेश 17 सितंबर को मिथिला पंचांग अनुसार 9:40 सुबह को हो जाएगा, जो अगले 18 सितंबर को दिन के 10:36 तक रहेगा. हिंदू धर्मशास्त्र के मुताबिक उदया तिथि होने के कारण इस बार तीज का व्रत 18 सितंबर को मनाया जाएगा.
ऐसे करें पूजा, जानें विधान
इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां या कुंवारी महिलाएं दोनों आसानी से पूजा पाठ कर सकती हैं. पूजा करने के लिए भोलेनाथ और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं. फिर वस्त्र और फूल, पान, चंदन बेलपत्र, मिठाई, पान सुपारी, अक्षत सहित अन्य पूजन सामग्री लें. इसको लेकर महादेव और माता गौरी की विशेष रूप से पूजा अर्चना करें. ऐसा करने पर बहुत ज्यादा लाभ होगा