अब बायोमेट्रिक प्रणाली से होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी…

raipur@khabarwala.news

उत्तर बस्तर कांकेर, 24 अगस्त 2023: खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए इस साल किसानों की पहचान उपरांत धान खरीदी बायोमेट्रिक प्रणाली से किया जायेगा। पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा धान खरीदी की संभावना को देखते हुए धान बचेने आने वाले किसानों का मौके पर ही फिंगर प्रिंट लिया जायेगा, उसके बाद ही धान खरीदी होगी। इसके लिए किसानों से 31 अक्टूबर तक समितियों में अपना आधार नंबर और उनके द्वारा नामित एक अन्य रिष्तेदार का आधार पंजीयन कराने के लिए जिले में यह प्रक्रिया शुरू हो गई है।

 

खाद्य अधिकारी जन्मजय नायक ने जानकारी दी है कि किसी भी तरह की फर्जी खरीदी रोकने के लिए इस साल आधार नंबर बायोमेट्रिक प्रक्रिया अपनाई जायेगी। इसमें धान बेचने के लिए किसानों को स्वयं अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति धान बेचते समय अपने अंगूठे के निशान की मदद से आधार कार्ड पर आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। समितियों में किसानों को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि किसान द्वारा या नामित व्यक्ति के द्वारा अगर किसी कारणवश धान बेचने में कोई दिक्कत हो तो एक-एक ट्रस्टेड पर्सन यानी विश्वसनीय व्यक्ति की नियुक्ति कलेक्टर द्वारा की जायेगी, वह किसान को धान बेचने में मदद करेगा। किसान का आधार मशीन में स्वीकार नहीं होने पर किसान के पंजीकृत मोबाईल नंबर में ओटीपी आयेगा, जिसका उपयोग कर धान खरीदी प्रक्रिया संपादित की जायेगी।

 

उल्लेखनीय है कि खरीफ सीजन 2023-24 में पारदर्शी तरीके से धान खरीदी करने के लिए शासन द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली लागू की जा रही है, जिसमें किसान अपना अंगूठा लगाने के पश्चात अपना धान बिक्री कर सकता है। जिस तरह से पीडीएस की दुकन पर राषन लेने के लिए अंगूठा लगाना पड़ता है। अब उसी तरह किसानों को धान बेचते समय अंगूठा लगाना पड़ेगा। किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कोई असुविधा न हो, इसके लिए उनके परिवार एवं रिष्तेदारों को नामिनी बनाने की सुविधा प्रदाय किया गया है। जिसके आधार पर स्वयं उपस्थित होकर या उनके द्वारा बनाये गये नामिनी के द्वारा धान की बिक्री की जा सकती है। समितियों में जिस व्यक्ति के नाम पर पंजीयन होता है, वह धान बेचने नहीं जा पाता तो उसके रिश्तेदार या परिवार के अन्य सदस्य सोसायटी पहुंचते हैं, इससे परेशानी न हो, इसलिए नामिनी बनाने की सुविधा दी गई है। इसके अतिरिक्त यदि किसी कारणवश पंजीकृत किसान अपना नॉमिनी अथवा आधार नंबर परिवर्तन कराना चाहते हैं तो उसका अनुमोदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। गत वर्ष पंजीकृत किसानों का पंजीयन उनके मृत्यु एवं अन्य कारणों से निरस्त किये जाने हेतु ऐसे किसानों की जानकारी तहसीलदारों को प्रेषित की जायेगी। धान खरीदी केन्द्रों में भी उक्त प्रक्रिया के सुचारू संचालन हेतु समिति प्रबंधकों का आधार भी अनिवार्य किया गया है। नवीन धान पंजीयन एवं रकबा संशोधन के लिए किसानों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटोकापी, बी-1 पी-2, ऋण पुस्तिका की फोटोकॉपी, कामिनी का आधार कार्ड की फोटोकॉपी, अन्य हिस्सेदार का सहमति प्रमाण-पत्र, मोबाईल नंबर एवं 01 नग फोटो के साथ समिति का सदस्यता होना अनिवार्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *