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रायपुर, 16 अगस्त 2023 : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दिए अपने संबोधन में साहित्यिक वातावरण को सुदृढ़ करने तीन श्रेणियों में छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान देने की घोषणा की। इनमें पहली श्रेणी अंतर्गत छत्तीसगढ़ी तथा अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया में लिखे गए साहित्य के लिए, दूसरी श्रेणी के अंतर्गत हिंदी पद्य के लिए तथा तृतीय श्रेणी के अंतर्गत हिंदी गद्य के लिए हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को पांच लाख रूपए नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बालिकाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरियों में प्रतिबंधित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने की घोषणा की, यह प्रावधान इसी सत्र से लागू होगा। रेशम कीट पालन एवं मधुमक्खी पालन को भी कृषि का दर्जा देने की घोषणा की। कुक्कुट पालन को प्रोत्साहित करने ’कुक्कुट पालन प्रोत्साहन योजना’ आरंभ हुई। इसमें कुक्कुट पालकों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध होगी। दूरस्थ क्षेत्रों के शासकीय शालाओं के 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग हेतु देश की ख्याति प्राप्त संस्थाओं द्वारा सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में ऑनलाईन कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। सभी जिलों में कम से कम एक कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट कक्षाओं में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्रम में शासकीय लोचन प्रसाद पाण्डेय महाविद्यालय सारंगढ़, डॉ. भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय पेण्ड्रा, क्रांतिकुमार भारती महाविद्यालय सक्ती, एल.सी.एस महाविद्यालय अंबागढ़ चौकी को स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। यहां अतिशीघ्र आवश्यक नवीन विषय एवं पद संरचना उपलब्ध कराई जाएगी।
अगले शिक्षा सत्र से स्कूली बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकी जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर से कॉलेज आने-जाने के लिए बस की निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अगले सत्र से छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों के स्थानीय बोली को कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं तक पाठ्यक्रम के एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जाएगा। शहरी स्वच्छता दीदी और सामुदायिक संगठकों के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की घोषणा भी की। निर्माण श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना अंतर्गत 60 वर्ष पूरी करने वाले तथा 10 साल तक पंजीकृत रहे श्रमिकों को जीवन पर्यन्त हर महीना 1500 रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। आईटीआई में कार्यरत संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के एकमुश्त संविदा वेतन को 25780 रूपए से बढ़ाकर 32740 रूपए करने तथा मेहमान प्रवक्ताओं के प्रति माह अधिकतम भुगतान की सीमा को 13 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए करने की घोषणा की गई। साथ ही छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुविधाओं में योगदान देने वाले अंशकालीन सफाई कर्मी एवं मध्यान्ह भोजन से जुड़े रसोईयों के मानदेय में 500 रूपए प्रति माह वृद्धि की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला। वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायोें से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी, जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक नया सफर शुरू हुआ है, जिसमें हमने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने का काम जी-जान से कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के वन अंचल से लेकर कस्बों, गांवों, शहरों में, हर जगह खुशहाली आई है। हमने छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों का स्वाभिमान और और स्वावलंबन बढ़ाने के लिए 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोगों के बैंक खातों में प्रदान की है। विकास का हमारा ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ प्रदेशवासियों के लिए उम्मीदों की नई किरणें लेकर आया है, साथ ही देश को भी नई दिशा देने में सफल रहा है। हम सब मिलकर ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य पूरा करेंगे।
अमर शहीदों को नमन
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसमें छत्तीसगढ़ का नाम अग्रिम पंक्ति में दर्ज कराने वाले अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान सपूतों का पावन स्मरण करते हुए मैं सभी अमर शहीदों को नमन करता हूं। मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतिबाई लोधी जैसी हजारों विभूतियों की शहादत हमें देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। हमारा सौभाग्य है कि आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले अनेक महान नेता आजाद देश के नवनिर्माण का नेतृत्व भी करते रहे। मैं उन पुरखों को याद करते हुए नई पीढ़ी को बलिदान और योगदान की गौरवशाली विरासत से जोड़ना चाहता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल-बाल-पाल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिया था।
वहीं वीर गुण्डाधूर, पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव, डॉ. खूबचंद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, डॉ. ई. राघवेन्द्र राव, क्रांतिकुमार, बैरिस्टर छेदीलाल, लोचन प्रसाद पाण्डेय, यतियतन लाल, डॉ. राधाबाई, पं. वामनराव लाखे, महंत लक्ष्मीनारायण दास, अनंतराम बर्छिहा, मौलाना अब्दुल रऊफ खान, हनुमान सिंह, रोहिणीबाई परगनिहा, केकतीबाई बघेल, श्रीमती बेलाबाई, इंदरू केंवट, उदय राम वर्मा, खिलावन बघेल, घसिया मंडल जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान भी स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। मैं इन सभी को सादर नमन करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारतवासियों की एकता की स्याही से लिखा गया है। देश में जाति-धर्म-सम्प्रदाय-संस्कृति आदि विविधताओं के बावजूद भारतवासियों में साथ रहने और साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करने की अद्भुत क्षमता रही है। सर्वधर्म समभाव वाली हमारी एकजुटता के कारण भारत की एकता और अखण्डता मजबूत बनी रही। आजाद भारत का गौरवशाली संविधान कहता है कि भारत देश राज्यों का संघ है, इसीलिए भारत सरकार को संघ की सरकार कहा गया है। इसका मतलब है कि कोई एक राज्य भी यदि संकट में है तो यह उस राज्य की निजी समस्या नहीं बल्कि पूरे देश की चिंता का विषय है। आज मैं इस मंच से संकटग्रस्त सभी राज्यों की चिंताओं में छत्तीसगढ़ की सहभागिता व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी और संविधान प्रदत्त अधिकार सबके लिए हैं और जब तक सब भारतवासी उनका समुचित उपयोग कर पाएंगे, तभी तक हमारी आजादी सुरक्षित रह पाएगी। प्रत्येक राज्य को और देश के प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाकर ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है। यही कारण है कि हमने छत्तीसगढ़ में हर व्यक्ति और हर वर्ग को न्याय दिलाने का संकल्प लिया।
दिलों को जोड़ती न्याय योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी न्याय योजनाओं का प्रत्यक्ष असर हो रहा है। हमारी न्याय योजनाएं प्यार की गंगा बहा रही हैं और दिलों को जोड़ रही हैं। किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, महिला, युवा, बच्चे आदि सभी का जीवन सरल बनाने, इनकी जरूरतों को पूरा करते हुए तरक्की के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए हमने बड़े-बड़े निर्णय लिए हैं।
धान की खरीदी, अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों से किया हुआ वादा कैसे निभाया, यह बात सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश जानता है। सरकार बनते ही सबसे पहले लगभग 9 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ किया। 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदा। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मात्रा लगभग 56 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 107 लाख मीटरिक टन किया। यह कुशल प्रबंधन और हमारी सरकार के प्रति बढ़े विश्वास के कारण हुआ। धान बेचने वाले किसानों की संख्या 12 लाख 60 हजार से बढ़कर करीब 25 लाख हो गई। धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 1 हजार 989 से बढ़ाकर 2 हजार 617 किया। हम अपने वादे पर अडिग हैं कि आगामी खरीफ मौसम में छत्तीसगढ़ के किसान भाई-बहनों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। किसानों को ब्याजमुक्त ऋण देने के लिए प्राथमिक कृषि साख समिति की संख्या 1 हजार 333 से बढ़ाकर 2 हजार 58 किया। कृषि ऋण की राशि 3 हजार 546 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7 हजार करोड़ रुपए की गई। किसानों की बकाया सिंचाई कर की 342 करोड़ रुपए की राशि माफ की गई।
किसानों को 20 हजार करोड़ की इनपुट सब्सिडी
‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के माध्यम से धान के साथ ही अन्य खाद्यान्न, मिलेट, उद्यानिकी, वृक्षारोपण आदि के लिए नगद राशि दी गई, जिससे किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि डाली गई। गन्ना प्रोत्साहन राशि के रूप में 208 करोड़ रुपए दिए गए। हमारी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित करते हुए कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर पहली बार मिलेट की खरीदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार लगभग 94 हजार क्विंटल मिलेट फसलों का उपार्जन हमने किया है। समर्थन मूल्य पर दलहन खरीदी का वादा भी पूरा किया गया है, जिससे प्रदेश में दलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। हमारी सरकार ने नई तरह की खेती और फसलों को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। लाख पालन और मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। ‘छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन करते हुए जशपुर जिले में 102 एकड़ में चाय और बस्तर जिले में 80 एकड़ में कॉफी का रोपण किया गया है। पोषणबाड़ी योजना के तहत 4 लाख बाड़ियां विकसित की गई हैं। छुईखदान में ‘पान अनुसंधान केन्द्र’ की स्थापना की गई है।
किसानों के लिए बढ़ती सुविधाएं
किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 587 कृषक सदन तथा किसान कुटीर, धमधा में फल-सब्जी मंडी, जगदलपुर, कांकेर तथा धमतरी में सामुदायिक बीज बैंक, कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय फाईटोसेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। खेतों में ज्ञान की फसल रोपने के लिए 6 नवीन कृषि महाविद्यालय, 11 उद्यानिकी महाविद्यालय, एक वानिकी महाविद्यालय एवं एक खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, इस प्रकार कुल 19 नवीन महाविद्यालयों और महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वादा निभाते हुए जल संसाधन विकास नीति 2022 लागू की। बेहतर सिंचाई प्रबंधन के कारण वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में अतिरिक्त खरीफ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई। विगत 4 वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं के 1 हजार 36 कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसके लिए 4 हजार 451 करोड़ रुपए से अधिक राशि स्वीकृत की गई। 2 लाख 36 हजार 338 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता का विस्तार सुनिश्चित किया गया। नदियों के संरक्षण और संवर्धन का वादा निभाते हुए ‘अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण’ तथा ‘इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण’ का गठन किया है। बांध पुनर्वास एवं सुधार योजना पर कार्य शुरू किया है।
गौठानों से गांव में आ रहा आर्थिक स्वावलंबन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ गांवों, खेतों, पर्यावरण और आजीविका में सुधार की दृष्टि से देश और दुनिया में सराही गई है। इसके माध्यम से हजारों नरवा का उपचार किया जा चुका है, जिससे उन क्षेत्रों का भूजल स्तर तेजी से बढ़ा है। गौठानों के लिए प्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक जमीन संरक्षित की गई। 7 हजार से अधिक चारागाह स्वीकृत हुए। 10 हजार से अधिक गौठानों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुईं, जिसमें से लगभग 6 हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।
घुरुवा और गोधन न्याय योजना के माध्यम से गांवों में नई किस्म की आर्थिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। गोबर और गौमूत्र खरीदी, इनसे जैविक खाद तथा जैविक कीटनाशक के निर्माण से छत्तीसगढ़ रासायनिक खाद से मुक्ति की दिशा में चलना शुरू कर चुका है। गौठानों की आर्थिक गतिविधियों से महिला स्व-सहायता समूहों सहित विभिन्न जुड़े हुए लोगों को हुई आय भी 500 करोड़ रुपए से अधिक हो चुकी है। इसी तरह बाड़ी कार्यक्रम में लगभग 5 लाख निजी बाड़ी तथा लगभग 6 हजार सामुदायिक बाड़ी का विकास किया जा चुका है।
हमने ‘गोधन न्याय योजना’ के माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया है, तो पशु स्वास्थ्य के व्यापक प्रबंध भी किए हैं। 45 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना और 20 पशु औषधालयों का उन्नयन किया गया है। 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट, राज्य स्तरीय कॉल सेंटर तथा 28 जिलों में पशुओं को हिंसा से बचाने के लिए सोसायटी का गठन किया गया है।
तीन सौ नए रीपा प्रारंभ
हमने ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ (रीपा) के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों की क्रांति का बीड़ा उठाया है। यह वादा निभाते हुए जिलों में 300 रीपा स्थापित किए हैं। जिसमें 1 हजार 300 से अधिक उद्योग संचालित हैं और लगभग 11 हजार लोगों को इनसे सीधा रोजगार मिला है। रीपा की तर्ज पर नगरीय निकायों में ‘महात्मा गांधी अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क’ का निर्माण भी किया जा रहा है।
फूड पार्क के लिए भूमि का चयन
कृषि उत्पादों के संरक्षण और प्रसंस्करण के लिए हमने फूडपार्क विकसित करने का वादा भी निभाया है। इसके लिए 112 विकासखण्डों में भूमि चिन्हांकित कर कार्यवाही आगे बढ़ाई गई है। उद्यानिकी फसलों के लिए 63 कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए गए हैं। वहीं पाटन विकासखण्ड में ‘गामा रेडियेशन सुविधायुक्त एकीकृत पैक हाउस‘ की स्थापना की जा रही है।