छत्तीसगढ़ में किसानों की समृद्धि, खेती में बढ़ते रुझान और 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के फैसले से भाजपाई चिंतित…

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धान और किसान भाजपा के लिए केवल चुनावी, मोदी सरकार ने न एमएसपी की गारंटी दी, न सी-2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ, आय के बजाय लागत तीगुनी*

रायपुर/07 अगस्त 2023। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार ने प्रमाणित किया है कि किसान पुत्र ही किसानों की समृद्धि के लिए आवश्यक नीतियों को व्यवस्थित तरीके से धरातल पर उतार कसता है। चाहे किसानों की कर्जमाफी की बात हो या वादे से अधिक धान की कीमत, भूपेश सरकार किसानों से किए अपने हरेक वादे पर खरी उतरी है। विगत साढ़े चार वर्षों में छत्तीसगढ़ में 3 लाख़ 37 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचाई का रकबा बढ़ा है। 6 लाख से अधिक कृषि पंपों को 10900 करोड़ की राहत, निः शुल्क और रियायती बिजली के तौर पर दी जा रही है। धान खरीदी के हर साल नए रिकॉर्ड बनाने के बाद अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदी का ऐतिहासिक निर्णय छत्तीसगढ़ में किसानों की समृद्धि की दिशा में निर्णायक कदम है। विगत खरीफ सीजन में 1 लाख 7 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी के बाद आगामी खरीफ सीजन में 135 से 140 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है। 15 साल रमन सिंह के कुसाशन में कभी बोनस, कभी रतन जोत, कभी औषधि खेती, कभी फसल बीमा, तो कभी मुफ्त बिजली कनेक्शन के नाम पर किसानों को ठगा गया। असलियत यही है कि भाजपा आदतन किसान विरोधी है। 15 साल के रमन राज में छत्तीसगढ़ का किसान लगातार बदहाल होता रहा। नकली बीज, नकली दवा, नकली खाद के अवैध कारोबारियों को भाजपाई संरक्षण प्राप्त था। कृषि उपकरणों पर दिए जाने वाले सब्सिडी के लिए काउंटर तय हुआ करते थे। भूपेश बघेल सरकार ने उस व्यवस्था को ख़त्म करके सब्सिडी हितग्राहियों के खातों में सीधे जमा कराने की व्यवस्था की।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने वादा किया था देश के किसानों से स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुरूप सी 2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ देते हुए एमएसपी देने का, क्या हुआ उस वादे का? तीन कृषि काले कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समय प्रधानमंत्री ने देश के किसानों से वादा किया था एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए कमेटी बनाने का आख़रि क्या हुआ उस वादे का? डीजल पर सेंट्रल एक्साइज में 10 गुना वृद्धि। सत्ता पोषित संरक्षण और मुनाफाखोरी के चलते खाद, बीज, कीटनाशक में बेलगाम महंगाई की मार, पोटास की कीमत एक साल में 140 प्रतिशत वृद्धि लेकीन एमएसपी में वृद्धि मात्र 7 प्रतिशत? किसान विरोधी मोदी सरकार में खाद सब्सिडी में हर साल लगभग 25 प्रतिशत कटौती कर रही है। विगत बजट में खाद सब्सिडी के बीच 1 लाख 40 हजार करोड़ का प्रावधान था जिसे इस बजट में सीधे 35 हजार करोड़ घटाकर 1 लाख 5 हजार करोड़ कर दिया। छत्तीसगढ़ में तो भूपेश सरकार ने बिना भेदभाव के राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 9000 धान के किसानों और 10000 रुपए अन्य फ़सल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ छत्तीसगढ़ के सभी किसानों को दे रही है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स देश और दुनियां में सर्वाधिक कीमत पर किसानों से खरीदी की जा रही है। मिलेट्स के किसानों को कोदो 3000 रूपए प्रति क्विंटल, कुटकी 3100 रूपए और रागी 3578 रूपए प्रति क्विंटल केवल छत्तीसगढ़ में मिल रहा है। छत्तीसगढ़ का किसान भाजपा के किसी वादे पर भरोसा नहीं करेगा, भूपेश सरकार पर किसानों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है।

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