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व्यवसायिक जीवन में संतुलित आहार के महत्व पर महिला चेंबर द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज महिला चेम्बर की संरक्षक आभा मिश्रा, अध्यक्ष मधु अरोरा, महामंत्री पिंकी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रेरणा भट्ट,उपाध्यक्ष कांता धीमन, मीडिया प्रभारी इंदिरा जैन ने बताया कि चेंबर भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में महिला चेंबर द्वारा व्यवसायिक जीवन में संतुलित आहार के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमंे विशेष वक्ता डाॅ. अनीश भार्गव (नई दिल्ली) एवं असीम सहगल (भिलाई) रहे।
महिला चेंबर अध्यक्ष मधु अरोरा ने बताया कि आज के इस भागमभाग और व्यस्तता से भरी जिंदगी में व्यापारी, उद्योगपति, कामकाजी महिलाएं एवं आम नागरिक जो अपने सेहत का ख्याल नहीं रख पाते हैं, इसलिए आज महिला चेंबर द्वारा संतुलित आहार एवं पोषक तत्वों के महत्व पर यह कार्यशाला रखी गई।
विशेष वक्ता डाॅ. अनीश भार्गव ने बताया कि आमतौर पर किसी भोजन को संतुलित तभी माना जाता है जब उससे प्रतिदिन शरीर को प्राप्त होने वाली कुल ऊर्जा का 50 से 60 प्रतिशत भाग कार्बोहाइड्रेट के जरिए, 10 से 15 प्रतिशत भाग प्रोटीन के जरिए और 20 से 30 प्रतिशत भाग वसा के जरिए प्राप्त हो। एक बात जिस पर सभी को ध्यान देना चाहिए कि आहार में संतुलन के लिए अत्यधिक मात्रा में भोजन बिल्कुल जरूरी नहीं है। अधिक भोजन हमेशा गंभीर बीमारियों और मोटापे का कारण होता है। दरअसल हर व्यक्ति को उसकी शारीरिक आवश्यकताओं, आयु, लिंग के आधार पर संतुलित आहार की जरूरत होती है। जैसे-ज्यादा शारीरिक कार्य करने वाले व्यक्ति को भोजन में ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। बच्चों की शारीरिक वृद्धि के लिए प्रोटीन जरूरी है। इसी तरह स्त्रियों के लिए लौह तत्व और कैल्शियम की जरूरत होती है। इसलिए यह जरूरी है कि शरीर की जरूरत और उम्र के हिसाब से संतुलित आहार लिया जाए। संतुलित आहार खाने वाले ‘स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली’ की नींव रखते हैं। इससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम होता है। साथ ही यह देश में मानव संसाधनों के विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ समाज द्वारा ही एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।