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दंतेवाड़ा, 04 जुलाई 2023।किसानों के पास वो ताकत होती है कि वो अपनी जिद पर उतर जाए तो बंजर जमीन में सोना उगा सकते हैं। दन्तेवाड़ा जिले के ग्राम घोटपाल के किसान ने इसे सच कर दिखाया है। अपनी कड़ी मेहनत से आज जमीन हरे भरे फसल से लहलहा रही है। हम बात कर रहे है श्री धनीराम यादव की, जो मल्चिंग विधि को अपनाकर सफलता की कहानी लिख रहे हैं। इस तकनीक से फसलों का उत्पादन अधिक हुआ और इससे उन्हें एक नयी पहचान मिल गयी है। हालांकि पहले से उनके घर में पारम्परिक खेती होती आ रही थी पर उन्होंने ऐसी तकनीक अपनाई जो उनके लिए बिल्कुल नयी तकनीक थी।
श्री धनीराम यादव बताते है कि उन्होंने अपने स्वयं के भूमि पर उद्यानिकी विभाग से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण नीति के माध्यम से अनुदान प्राप्त कर मल्चिंग सीट स्थापित किया है। मल्चिंग विधि को अपना कर नयी तकनीक से खेती शुरू की। आज उनके खेतों में करेला, लौकी, कद्दू सहित अन्य फसल हो रही हैं। 1 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा हेतु कृषक द्वारा ड्रिप स्थापना कर उच्च तकनीक से उद्यानिकी फसल की खेती कर रहें है। मल्चिंग खेती, ड्रिप सिंचाई और समुचित देखभाल के साथ कड़ी मेहनत से फसलों की अच्छी कीमत मिलती है। वे अब तक करेला एवं लौकी विक्रय कर लगभग 150000 रुपये की राशि अर्जित कर चुके है फसल उत्पादन देखते हुए और अच्छी आमदनी की उम्मीद है। श्री धनीराम यादव का कहना है कि मल्चिंग एवं ड्रिप स्थापना से समय और मेहनत कम लग रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी इस तकनीक और पैदावार को देख कर आस पास के किसान भी काफी प्रभावित हुए। मल्चिंग सीट, ड्रिप स्थापना एवं सब्जी उत्पादन के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने किसान के हौसले को उड़ान देने के लिए पूरी तरह से उनका सहयोग कर रही है। कृषक उद्यानिकी फसल उत्पादन कर काफी खुश है और जीवन शैली में बदलाव भी हुआ है। नयी तकनीक और नयी सोच के साथ खेती की शुरुआत करके श्री धनीराम यादव आज दूसरों के लिए मिसाल बन गये हैं।