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रायपुर, 30 जून 2023: दो महीने पहले मैनचेस्टर मैराथन का एक वीडियो वायरल हुआ था। यह वीडियो यूके के मैनचेस्टर शहर का था जहां इंग्लैंड की दूसरी सबसे बड़ी मैराथन प्रतिस्पर्धा आयोजित हो रही थी। इसमें मैनचेस्टर में रहने वाली एक हाईस्कूल टीचर मधुस्मिता जेना ने भी 42 किमी की मैराथन दौड़ 4 घंटे 50 मिनट में पूरी की थी। खास बात है कि इस दौड़ में मधुस्मिता ने संबलपुरी साड़ी पहन कर हिस्सा लिया था और लोगों ने मधुस्मिता के साथ ही भारतीय वस्त्रभूषा परंपरा की काफी प्रशंसा भी की थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की प्रिय रहीं संबलपुरी साड़ियों की छत्तीसगढ़ में भी ओडिशा से लगे इलाकों में भारी माँग है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा रीपा के माध्यम से स्थानीय उद्यमों को प्रोत्साहित किये जाने की नीति अपनाये जाने से रायगढ़ में संबलपुरी पैटर्न की साड़ियों का निर्माण कर महिलाएं बड़ी संख्या में आजीविका अर्जित कर रही हैं। रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखंड के तरडा गौठान में इसका कार्य हो रहा है। यहां ओडिया शर्ट, सूटपीस और संबलपुरी कपटा पैटर्न( साड़ी), पाट साड़ी बनाने पर काम हो रहा है। रायगढ़ जिला प्रशासन ने यहां उद्यमियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया और इसके बाद यह उद्यम आरंभ हुआ।
ढाई महीने पहले यह उद्यम नवस्पर्श महिला फाउंडेशन द्वारा आरंभ किया गया है। फिलहाल 22 महिलाएं इस कार्य से जुड़ी हुई हैं। इसके लिए 5 सैमी मैनुअल जापानी जैकार्ट मशीन लगाई गई है। संबलपुरी पैटर्न साड़ियों पर काफी महीन काम होता है। डिजाइन में बहुत से मोटिफ का इस्तेमाल किया जाता है। मशीन से आधा काम हो जाता है और आधा काम कलाकारों की अपनी सृजनात्मकता से तथा संबलपुरी साड़ी कला की समझ से होता है। कलाकारों को ट्रेनिंग देने सोनपुर से विशेषज्ञ आये हैं।
एक साड़ी की कीमत तीन हजार से बारह हजार तक होती है। रायगढ़, पुसौर के साथ सुंदरगढ़ में भी इसका मार्केट है और साड़ियां अच्छी संख्या में बिक रही हैं। अभी बमकाई साड़ियों का आर्डर आया है। यह 150 साड़ियों का आर्डर है और 10 लाख का आर्डर है। इसी तरह सूट पीस का आर्डर भी है जो 50 मीटर का है और पचास हजार रुपए का है।
संबलपुरी साड़ियों का बड़ा बाजार रायगढ़ में है क्योंकि यह ओडिशा से जुड़ा हुआ इलाका है और इसकी बड़ी माँग है। स्थानीय बाजारों में इसकी उपलब्धता है और अच्छा खासा प्रतिसाद मिल रहा है।
ओडिशा में रथयात्रा बहुत लोकप्रिय है और रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी से जुड़े हुए शंख,चक्र, फूल जैसे मोटिफ बहुत सुंदर लगते हैं। इनके रंगों का चयन और इनका रेखांकन इन्हें बेहद खूबसूरती देता है और यही संबलपुरी साड़ियों में आये हैं।