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रायपुर, 15 जून 2023: आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी.सिंह ने कहा है कि प्रदेश में गठित प्रत्येक वन अधिकार समितियों में कम से कम एक सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र दिया जाए। विशेष पिछड़ी कमजोर जनजातियों के वन अधिकार पट्टेधारियों को सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। वन अधिकार हितग्राहियों को मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों एवं अन्य अनुषंगिक कार्यों में प्राथमिकता दी जाए। श्री सिंह आज यहां आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में सरगुजा संभाग के सहायक आयुक्तों और परियोजना प्रशासकों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
श्री डी.डी. सिंह ने कहा कि शासन की प्राथमिकता की योजनाएं वन अधिकार मान्यता पत्र, देवगुड़ी विकास, छात्रावास-आश्रम, विभाग द्वारा संचालित एकलव्य एवं प्रयास आवासीय विद्यालय तथा क्रीडा परिसर पर विशेष ध्यान दिया जाए। देवगुड़ी निर्माण, मरम्मत तथा छात्रावास एवं आश्रमों के उन्नयन के कार्य प्राथमिकता से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के दिन वितरित होने वाले वन अधिकार के पात्र हितग्राहियों का चयन कर सूची तैयार कर ली जाए। छात्रावास-आश्रमों में निर्माण कार्यों को सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाए। सहायक आयुक्त एवं परियोेजना प्रशासक निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जांच स्थल पर जाकर करें। उन्होंने कहा कि छात्रावास-आश्रमों में साफ-सफाई, पेयजल, विद्युत और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दें। छात्रावास-आश्रमों को आदर्श रूप में विकसित करे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के द्वितीय चरण में चयनित गांव में सर्वे कराकर वहां के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करें।
आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत जहां विशेष पिछड़ी कमजोर जनजातियों को अधिक वन अधिकार पट्टे दिए गए हैं, उन्हें आदर्श गांव घोषित करें और इन हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलवाए। उन्होंने नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन एवं वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विकसित किए जाने वाले आदर्श ग्राम के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। श्रीमती आबिदी ने कहा कि विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति के लिए आवास भी बनाए जाने है, इसके लिए इन वर्गो के मुखिया और हितग्राहियों से चर्चा कर उनके संस्कृति के अनुरूप घर बनाया जाए। आवास का निर्माण वैध जमीन पर ही किया जाए और वहां बिजली, पानी की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शिक्षा सत्र 2023-24 के लिए मेस संचालन, खेल सामग्री क्रय करने की कार्रवाई नियमानुसार शीघ्र पूर्ण कर ली जाए। जिले के सहायक आयुक्त इसके लिए इन स्कूलों का अकादमी कैलेण्डर तैयार कर उसका पालन सुनिश्चित करवाए। इन स्कूलों के शिक्षकों को विषय-वस्तु के अनुसार प्रशिक्षित किया जाए। इन स्कूलों के बच्चों का प्रत्येक माह यूनिट टेस्ट लेकर बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों का आकलन करें। विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित क्रीड़ा परिसरों में स्वीकृत लघु निर्माण कार्यो का मौके पर मुआयना कर इन कार्यो को शीघ्र ही पूरा करवाए। क्रीडा परिसरों में बच्चों की समय पर भर्ती हो। इन क्रीडा परिसरों में खेल विधाओं के अनुसार कैम्प लगाकर बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि सरगुजा संभाग में मई 2023 तक व्यक्तिगत 1,20,529 वन अधिकार पत्र 68367.539 हेक्टेयर भूमि पर वितरित किए गए हैं, इसमें सर्वाधिक 29516 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र सूरजपुर जिले में वितरित किए गए हैं। इसी प्रकार सामुदायिक वन अधिकार के 11139 और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 1329 वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं। सरगुजा संभाग में विशेष पिछड़ी कमजोर जनजातियों के कुल 800 ग्रामों में व्यक्तिगत वन अधिकार के 9977, सामुदायिक वन अधिकार के 633 और सामुदायिक वन संसाधन के 54 वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए मई 2023 तक व्यक्तिगत वन अधिकार के 33 और सामुदायिक वन अधिकार के 4 पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
बैठक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के मेस संचालन, गणवेश आपूर्ति, पाठ्यपुस्तक, बोर्ड परीक्षा परिणाम एवं अतिथि शिक्षकों की भर्ती की समीक्षा की गई। सीबीएसई पैटर्न के आधार पर बच्चों को पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए। प्रयास आवासीय विद्यालयों में प्रवेश एवं परीक्षा परिणाम तथा नवीन प्रयास आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था के संबंध में भी निर्देश दिए गए।
बैठक में अत्याचार निवारण अधिनियम, न्यायालयीन प्रकरणों, भर्ती, पदोन्नति एवं अनुकंपा नियुक्ति की समीक्षा की गई। परियोजना प्रशासकों से आदिग्राम पोर्टल में आवश्यक जानकारी की प्रगति को शीघ्र दर्ज करने के निर्देश दिए। संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 एवं केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना अन्तर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह अभिकरण, प्रकोष्ठ के कार्यो में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की समीक्षा की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।