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नई दिल्ली: देश में अब महिलाएं अपनी पुरानी गोल्ड ज्वैलरी ज्वैलर्स को नहीं बेच पाएंगी। सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग, सोना खरीदने और बेचने के निए नियम जारी कर दिये हैं।
भारत सरकार ने हाल ही में सोने के ज्वैलरी और अन्य गोल्ड प्रोडक्ट्स को बेचने को लेकर नए दिशानिर्देश जारी कर दिये हैं। नए नियमों में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2023 से सभी सोने के गहनों और कलाकृतियों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होना चाहिए। एचयूआईडी नंबर प्रत्येक सोने के प्रोडक्ट को एक अलग पहचान देता है। साथ ही वह उसकी शुद्धता की जानाकरी भी देता है।
सोने की वस्तुओं पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो और शुद्धता का निशान (जैसे कि 22K या 18K जैसा लागू हो) भी होना चाहिए। एक ऐसे देश में जहां परंपरागत रूप से सोने को एक सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में देखता है। यहां नए नियमों से सोने के गहनों और कलाकृतियों की खरीदारी के मामले में अधिक पारदर्शिता, भरोसा और ग्राहकों का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। नहीं बेच पाएंगे पुरानी गोल्ड ज्वैलरी नई गोल्ड ज्वलैरी की खरीदारी अब पहले से पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है।
हालांकि, यदि आपके पास पुराने, बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने हैं, तो आप इसे तब तक बेच नहीं पाएंगे या नए डिजाइन के लिए एक्सचेंज नहीं कर पाएंगे, जब तक कि आप इसे पहले हॉलमार्क नहीं करवा लेते।
बीआईएस पंजीकृत जौहरी बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों को हॉलमार्क करवाने के लिए बीआईएस एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर ले जाएगा। सोने के गहनों की हॉलमार्किंग कराने के लिए उपभोक्ता को हर एक पीस के लिए 45 रुपये का मामूली चार्ज देना होगा। सर्टिफिकेशन के बाद ही बेच पाएंगे।