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नई दिल्ली : मानसून का इंतजार पूरा देश कर रहा है. वजह है पूरे देश में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि इस बार मानसून देरी से आ सकता है. ये देरी ज्यादा दिनों की नहीं होगी. IMD के मुताबिक केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत लगभग चार जून तक होने सकती है .
बताते चलें कि मानसून की चाल अगर सही रहती है तो यह 1 जून तक केरल में दस्तक दे देता है. लेकिन इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी होने की संभावना है. केरल में मानसून की शुरुआत कुछ दिनों की देरी के साथ 4 जून को हो सकती है.
पिछले साल की बात करें तो मानसून ने 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में 1 जून को केरल में दस्तक दी थी. आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि अगर 2015 को छोड़ दें तो आईएमडी का मानसून को लेकर पूर्वानुमान पिछले 18 साल के दौरान सही साबित हुआ है.
वर्षा आधारित कृषि भारत के कृषि परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें शुद्ध कृषि क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस पद्धति पर निर्भर है. यह देश के कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है, जो इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
मानसून से जुड़ी जरूरी बातें..
-मानूसन और मौसम के दौरान देश में कुल बारिश के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है.
-केरल में मानसून के जल्दी या देरी से पहुंचने का मतलब यह नहीं है देश के अन्य हिस्सों में पहले बारिश नहीं हो सकती.
-माना जा रहा है कि मानसून में देरी का कारण चक्रवात मोखा है.
-भारतीय उपमहाद्वीप में अपर्याप्त ताप के कारण ऐसा हो सकता है और मानसून की प्रगति विभिन्न कारणों पर निर्भर करती
है.