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नई दिल्ली : मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र आज चक्रवात का रूप ले सकता है। भारत में इससे नुकसान का खतरा कम है, क्योंकि 12 मई तक यह उत्तर-उत्तरपश्चिम की तरफ बढ़ेगा और फिर उसके बाद बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ निकल जाएगा।
मोका चक्रवात के शक्तिशाली होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि इसका असर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा। इस दौरान भारी बारिश होगी और तेज हवाएं चलेंगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) लगातार कई दिनों से पश्चिम बंगाल के खराब मौसम को लेकर चेता रहा है। अब बताया जा रहा है कि बंगाल के दक्षिणी पूर्व में लो प्रेशर एरिया बन चुका है। ‘मोका’ नाम का चक्रवात तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पड़ेगा, जहां पर पहले से इसे लेकर अलर्ट जारी है।
मोका चक्रवात के शक्तिशाली होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि इसका असर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा। इस दौरान भारी बारिश होगी और तेज हवाएं चलेंगी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस चक्रवात का नाम मोका कैसे पड़ा और यह कितना खतरनाक हो सकता है।
कैसे पड़ा ‘मोका’ नाम?
बता दें, इस शक्तिशाली तूफान को ‘मोका’ नाम मिडिल ईस्ट एशिया के एक देश यमन ने दिया है। ‘मोका’ यमन का एक शहर है, जिसे मोखा भी कहते हैं। ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है। इसी के नाम पर ‘मोका कॉफी’ का भी नाम पड़ा।
कौन देता है चक्रवातों के नाम?
संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश तूफानों का नाम देते हैं। इसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाइलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं। इस क्षेत्र में उत्पन्न चक्रावतों के नाम देने वाले ग्रुप शामिल देश अल्फाबेटिकली नाम देते हैं। जैसे कि B से बांग्लादेश पहले आता है तो वह पहले नाम सुझाएगा, फिर भारत और फिर ईरान और बाकी देश।
कैसी चलेंगी हवाएं?
ताजा स्थिति की बात करें तो अभी ‘मोका’ दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है। इसकी चाल पर मौसम विभाग ने नजर बनाई हुई है। स्थिति को देखते हुए मछुआरो, जहाजों और छोटी नावों को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने को कहा गया। भविष्यवाणी के मुताबिक, 8 मई की रात से हवा की रफ्तार बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे और 10 मई से 80 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
चक्रवात कहां लैंडफॉल करेगा?
मौसम कार्यालय के अनुसार, चक्रवात के 9 मई को एक दबाव में बदलने और 10 मई को एक चक्रवात में बदलने की संभावना है। तूफान के 12 मई के आसपास बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
मोका का रूट क्या होगा?
मोका तूफान के रूट को लेकर मौसम विभाग ने पहले अनुमान लगाया गया था कि चक्रवात भारत के दक्षिण तटीय क्षेत्रों, ओडिशा और दक्षिण-पूर्व गंगीय पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। हालांकि अब चक्रवात के क्षेत्र को देखने के बाद पता चला कि यह बंगाल की खाड़ी से उठकर उत्तर-पूर्वोत्तर बांग्लादेश-म्यांमार तट की आरे मुड़ जाएगा।
किन राज्यों में है अलर्ट?
मौसम विभाग ने ओडिशा के 18 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवाती तूफान आने की मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद हाईलेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। इस तूफान को लेकर पश्चिम बंगाल में भी अलर्ट जारी किया गया है। सभी चक्रवात संभावित जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। वहीं, चक्रवात मोका के कारण आंध्र प्रदेश में बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चक्रवात का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक पड़ सकता है।