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एक बार फिर नगर के विकास में बाधक बनी भारतीय जनता पार्टी,नपा.अध्यक्ष की कार्यप्रणाली के कारण नगर में भाजपा का विकास से नहीं है कोई सरोकार : भारी बहुमत के बावजूद सामान्य सभा व पीआईसी की नियमित बैठक नहीं होने से रुका शहर का विकास कार्य,पेश नहीं हो सका वार्षिक
जशपुर : नगरपालिका परिषद जशपुर में विकास कार्यों को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कोई सरोकार होता नजर नहीं आ रहा है,भारी बहुमत के बावजूद नियमित रूप से सामान्य सभा और पीआईसी की बैठक नहीं से नगर का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।इतना ही नहीं बैठक नहीं होने से नगर के विकास कार्यों के लिए बने वार्षिक बजट भी पालिका में अब तक पेश नहीं हो सका है जिससे एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर सवालिया निशान उठना शुरू हो गया है।
ज्ञात हो की विभिन्न विकास कार्यों,वार्षिक निविदा दर निर्धारण सहित वार्षिक बजट पेश करने को लेकर नगरपालिका परिषद जशपुर में सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष नरेश चंद्र साय की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित की गई थी।इस बैठक को लेकर जशपुर की सीएमओ सुश्री ज्योत्सना टोप्पो ने सभी व्यापक तैयारी पूर्ण कर अपने सक्रिय अधिकारी होने का परिचय दिया और नियत समय 3.30 बजे पालिका में समस्त कर्मचारियों के साथ बैठक हेतु उपस्थित रहे।इस बीच एक एक कर लगभग 15 पार्षद पालिका पहुंचे लेकिन बैठक की अध्यक्षता कर रहे पालिका के अध्यक्ष नरेश चंद्र साय बैठक के नहीं पहुंचने और उनका मोबाइल बंद आने की दशा में सभी पार्षद भड़क गया।सभी पार्षदों ने आक्रोश व्यक्त करते हुवे बैठक का न सिर्फ बहिष्कार किया बल्कि यह भी कहा कि बैठक से पूर्व उन्हें पालिका के अध्यक्ष नरेश चंद्र साय से कई सवालों के जवाब भी लेने हैं पहले सवालों का जवाब उन्हें चाहिए उसके उपरांत ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी अन्यथा वे किसी भी प्रस्ताव अथवा कार्य योजना को स्वीकृति देने या चर्चा के लिए अपनी सहमति नहीं देंगे। पीआईसी सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाते हुवे अध्यक्ष के कार्य प्रणाली पर ही सवालिया निशान उठाया है वहीं एक पीआईसी सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया पार्षद निधि गायब करने सहित पालिका में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने अध्यक्ष की जो भूमिका है उससे सभी पार्षद नाराज हैं।पालिका में हुवे गलत कार्यों का पूरा लिस्ट बना वे अध्यक्ष से जवाब मांग रहे हैं लेकिन अध्यक्ष जवाब देने से बचने के लिए महत्वपूर्ण बैठक सामान्य सभा से गायब हो गए हैं जो उनके कार्य के प्रति लापरवाही को स्पष्ट दर्शाता है।यदि अध्यक्ष समय रहते इनका जवाब नहीं देते हैं तो सभी पार्षदगण एक राय होकर कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस की शरण में भी जाने को बाध्य रहेंगे।
विदित हो की नगरपालिका परिषद में कुल 20 पार्षदों में से भाजपा के 16 पार्षद हैं।भारी बहुमत के बावजूद भाजपा यहां समय पर न तो सामान्य सभा की बैठक आयोजित करा पा रही है और न ही समय पर पीआईसी की बैठक आयोजित कर रही।जिस कारण नगर के विकास कार्यों पर चर्चा और स्वीकृति दोनो नहीं होंपाता है।इस वजह से शहर में नगर सरकार के कारण विकास कार्य लगातार प्रभावित हो रहा है।नगरवासियों का मानना है कि ऐसी कार्य प्रणाली के कारण नगर में विकास का पहिया थम सा गया है।इतना ही नहीं तय समय पर विकास कार्यों के लिए चर्चा और स्वीकृति दोनो नहीं होने से पेश किए गए वार्षिक बजट सहित तय एजेंडा में शामिल विकास कार्य लंबित होते जा रहे हैं,जिससे नगरपालिका सीएमओ को शहर में विकास कार्य कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि आज 3 साल में ही नगर की भाजपा सरकार से लोगों का विश्वास खत्म होते जा रहा है यदि इसी प्रकार स्थिति निर्मित रहा तो आने वाले चुनाव में भाजपा को यहां भारी नुकसान होने की संभावना राजनीति के विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं।
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