बिहान संयुक्त कैडर संघ की महिलाओं का हल्ला बोल,चार दिवसीय धरना प्रदर्शन काम बंद , कलम बंद, राज्यव्यापी हड़ताल …

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  • NRLM संयुक्त कैडर संघ छत्तीसगढ़ 
  • बिहान समूह की महिलाओं का चार दिवसीय धरना प्रदर्शन 
  • काम बंद , कलम बंद, राज्यव्यापी हड़ताल 
  • 22 मार्च 2023 से 25 मार्च 2023 तक
  •  मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे अनिश्चितकालीन धरना 

*घनश्याम यादव /देवभोग -गरियाबंद @ ले सबकी खबर खबरवाला न्यूज* :-  

चुनावी साल की वजह से छत्तीसगढ़ में आंदोलनों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिला मुख्यालय गरियाबंद में बिहान योजना में काम करने वाली एनआरएलएम के कैडर्स चार दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. वेतन इजाफे और स्थाईकरण से जुड़ी उनकी पांच सूत्रीय मांगें हैं.

मानदेय बढ़ाने;की मांग को लेकर बिहान संयुक्त कैंडर संघ की तरफ से 4 दिवसीय हड़ताल किया जा रहा है. जिसमें गरियाबंल जिले के सभी ब्लॉक में आने वाले बिहान के कैडर्स आंदोलन कर रहे हैं. बिहान के कैडर्सों का यह भी कहना है कि “शासन द्वारा पहले इनकी मानदेय बढ़ाने की बात कही गई थी, इस मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया है.”

राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक बिहान (छग राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) को जमीनी स्तर पर क्रियावयन कर बिहान समूह से जुड़ी महिलाएं पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 22 मार्च से जिला मुख्यालय में चार दिवसीय धरना शुरू कर दिया है। समूह ने जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बताया है कि इस अवधि में बिहान समूह की मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा शासन

 

बिहान समूह के कैडरों ने कहा कि पांच वर्षों से महत्वपूर्ण योजना का सफलतापूर्वक संचालन करने के बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बिहान समूह से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में वृद्धि, उन्हें नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने, प्रतिमाह मानदेय देने, नियमितीकरण करने की मांग की है। मांग पूरी न होने की स्थिति में काम बंद, कलम बंद , अनिश्चित कालीन राज्यव्यापी हड़ताल करने की बात कही है।

*काम अधिक, लेकिन मानदेय नाम मात्र का मिल रहा*

समूह की कैडरों ने कहा कि जनपद से ग्राम पंचायत, ग्रामीण स्तर पर शासन की विभिन्न योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं। स्वयं सहायता समूह गठित कर आजीविका गतिविधियां, कृषि, गौठान, चारागाह, बाड़ी विकास, मनरेगा , बैंक बीमा सहित अन्य कार्य शामिल है। इसके बाद भी शासन उन्हें नाममात्र का मानदेय दे रहा है।

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