भाठागांव बस स्टेशन में ट्रेवल्स माफिया सक्रिय, यात्रियों से लूट, करोड़ों की जीएसटी चोरी, बुकिंग एजेंटों का आतंक…

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रायपुर। भाठागांव में बस स्टैंण्ड में अवैध बुकिंग एजेंट डेरा डालकर बैठे हुए हैं। उनकी शिकायत कई बार बस मालिकों द्वारा कलेक्टर और एसपी से की गई है। इसके बाद भी टेबल-कुर्सी लगाकर वह अपना कारोबार चला रहे हैं। मना करने पर बस चालक परिचालक से मारपीट कर लूटपाट भी कर रहे हैं। बुकिंग एजेंट रोजाना यात्रियों से अवैध वसूली कर हजारों रुपए के जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। बिना किसी लाइसेंस और पंजीयन कराए अपना कारोबार कर रहे हैं।ऑनलाइन टिकटों में वह इसका भुगतान करते है। लेकिन, अपनी रसीदों में उससे कई गुना ज्यादा वसूली करते हैं। कोई रेकॉर्ड और उल्लेख भी नहीं किया जाता। बता दें कि नियमानुसार एसी बसों की टिकटों पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है।

ट्रैफिक व्यवस्था ठप, रिंग रोड-ओवर ब्रिज बाई पास पर जाम से हादसे जसेरि रिपोर्टर रायपुर। भाठागांव में बस स्टैंण्ड में अवैध बुकिंग एजेंट डेरा डालकर बैठे हुए हैं। उनकी शिकायत कई बार बस मालिकों द्वारा कलेक्टर और एसपी से की गई है। इसके बाद भी टेबल-कुर्सी लगाकर वह अपना कारोबार चला रहे हैं। मना करने पर बस चालक परिचालक से मारपीट कर लूटपाट भी कर रहे हैं। बुकिंग एजेंट रोजाना यात्रियों से अवैध वसूली कर हजारों रुपए के जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। बिना किसी लाइसेंस और पंजीयन कराए अपना कारोबार कर रहे हैं।ऑनलाइन टिकटों में वह इसका भुगतान करते है। लेकिन, अपनी रसीदों में उससे कई गुना ज्यादा वसूली करते हैं। कोई रेकॉर्ड और उल्लेख भी नहीं किया जाता। बता दें कि नियमानुसार एसी बसों की टिकटों पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है।

बताया जाता है कि बुकिंग एजेंट अपने गुर्गों के जरिए यात्रियों को पकड़कर लाते हैं। साथ ही उनकी टिकट ऑनलाइन बुक करने के बाद बसों में ले जाकर बिठाते हैं। बस मालिकों का कहना है कि टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के कारण यात्रियों का इंतजार करना पड़ता है। उनके आने के बाद ही बसों को रवाना करना पड़ता है। पिछले दिनों सांई ट्रैवल्स के चालक के साथ मारपीट कर 16000 रुपए नकद, मोबाइल फोन और हैडफोन लूटने की घटना हुई है। इसकी शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

जीएसटी व परिवहन विभाग खामोश -लंबी दूरी की बसों की टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के चलते बुकिंग एजेंट चांदी काट रहे है। यात्रियों की टिकट बुक करने के बाद उन्हें वास्तविक किराए की जानकारी नहीं दी जाती। वह अपनी रसीदों पर टिकटों की बुकिंग करते है। बिना किसी लाइसेंस के अपने नाम की ट्रैवल्स एजेंसी खोलकर देशभर के सभी प्रमुख शहरों के लिए कागजों में बसों का संचालन किया जा रहा है। जबकि रायपुर बस स्टैण्ड से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध नहीं है। अवैध एजेंट रसीदों से काटी जा रही टिकटों के जरिए टैक्स चोरी भी कर रहे हैं। यात्रा टिकट पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है जो ये नहीं पटा रहे हैं। वाबजूद जीएसटी और एक्साइज डिपार्टमेंट खामोश है।

बस मालिकों की मजबूरी दूसरे राज्यों से आने वाली बस मालिकों को सर्वाधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रायपुर में अधिकृत दफ्तर नहीं होने के कारण स्थानीय ट्रैवल्स एजेंसियों के भरोसे रहना पड़ता है। इसके चलते बुकिंग एजेंट अपनी मनमानी करते हैं। उन्हें यात्रियों के आने तक इंतजार करना पड़ता है। जिला प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।

एक समूह का वर्चस्व लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ये अवैध एजेंट बस स्टेंड में किसकी शह पर हुकूमत चला रहे हैं। जब बस आपरेटर अपने बुकिंग एजेंट नियुक्त नहीं किए हैं तो इन बुकिंग एजेंटों पर किसका नियंत्रण है क्या इनकी नियुक्ति जिला प्रशासन और निगम के माध्यम से हुआ है या फिर इन्हें कांटे्रक्ट दिया गया है। इन बुकिंग एजेन्टस द्वारा बस सेवा भी संचालित नहीं की जा रही है। बावजूद बस स्टैंड पर इनकी मोनोपल्ली और सिंडीकेट का संचालन कैसे हो रहा है। आखिर इसकी पीछे किसका हाथ है और जिला और पुलिस प्रशासन की खामोश क्यों है यह भी सोचने वाली बात है। अवैध टिकट बेचने वाले 9 एजेंट धरे गए, पुलिस ने कराई उठक-बैठक, निकाला जुलूस बस स्टैंड में ये एजेंट यात्रियों से जबरदस्ती किया करते थे। महंगे दामों पर टिकट बेचने के लिए उन पर दबाव बनाते थे। राजधानी रायपुर के भाटागांव बस स्टैंड में लगातार अवैध टिकटों को बेचने का मामला सामने आ रहा था। कुछ एजेंट्स लगातार टेबल कुर्सी लगाकर मनमानी रेट में बसों की टिकट बेच रहे थे। आम जनता इनसे बहुत परेशान होती रही। लोग कई बार हिम्मत करके इनके खिलाफ शिकायत भी करते। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। अब जाकर सोमवार को पुलिस ने इन एजेंट्स को पकड़ा और इनसे उठक बैठक करवाया। साथ ही इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। भाटा गांव के बस स्टैंड में ये एजेंट कई बार यात्रियों से जबरदस्ती किया करते थे। यात्रियों को महंगे दामों पर टिकट बेचने के लिए उन पर दबाव बनाते। फिर टिकट नहीं खरीदने पर दुर्व्यवहार करते। यात्रियों के साथ विवाद बढऩे पर गाली-गलौज और मारपीट भी कर देते। कुछ यात्री इनके सामने मजबूर होकर इनकी बात मान लेते। लंबे समय से बस स्टैंड से शिकायतें आने के बाद पुलिस के अफसरों ने इन पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया। जिसके बाद टिकरापारा थाना पुलिस ने टिकट बेच रहे 9 एजेंट्स को बस स्टैंड में दबोच लिया। पुलिस ने उसी जगह पर इनको उठक बैठक कराई जिससे जनता ये देखकर डर से मुक्त हो जाए। इसके साथ ही पुलिस ने अन्य बस एजेंटों को चेतवानी दी कि किसी भी यात्री के साथ दुर्व्यवहार व उन्हें किसी प्रकार से परेशान न करें।

 

 

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