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कोविड के बाद अब भारत में एडिनोवायरस नाम की बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस के संक्रमण से अब तक करीब एक दर्जन बच्चों की मौत की खबर सामने आ रही है.
इन सबके बीच, एडिनोवायरस के मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि एक मानक प्रबंधन दिशानिर्देश सभी के लिए जारी किया गया है. वर्तमान में वायरल महामारी का कोई प्रमाण नहीं है. वर्तमान स्थिति और कुछ नहीं, बल्कि एक मौसमी घटना है. एडिनोवायरस के कारण होने वाले संक्रमणों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई है.
जानें क्या है लक्षण
एडिनोवायरस के लक्षण आम बुखार जैसे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, दो साल से कम आयु के बच्चों पर इसका ज्यादा खतरा है. यानी इन बच्चों को लेकर उनके माता-पिता को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. बताया जा रहा है कि ऐडिनोवायरस से संक्रमित मरीजों को सामान्य बुखार, गले में खरास, एक्यूट ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, कंजंक्टिवाइटिस और पेट से जुड़ी समस्याएं होना इसके आम लक्षण है.
क्या कहते है एक्सपर्ट
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता में एडिनोवायरस पर संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ सायन चक्रवर्ती ने कहा कि यह वायरस बच्चों को संक्रमित करता है. इसका नया सेरोटाइप आया है जो घातक है. इसलिए बच्चों में अभी इसके लक्षण जैसे तेज बुखार, काफी दिनों तक खासी, नाक बहना, आंख लाल होना और शरीर में रैशेस आना देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे छाती का इंफेक्शन कहा जाता है. इसका सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर हो रहा है. बच्चे सर्जिकल मास्क लगाएं तो इसके ट्रांसमिशन को रोका जा सकता है. कोविड की तरह इसका भी स्वैप टेस्ट होता है, लेकिन बहुत महंगा होता है.
कैसे फैलता है वायरस?
वायरल बीमारी है, इसलिए किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है. हवा के जरिए भी खांसने या छींकने से ये फैल सकता है. बताया जा रहा है कि अगर किसी सतह पर एडिनोवायरस मौजूद है और उसे आप छूते हैं या उसके संपर्क में आते हैं, तो वायरस की चपेट में आ सकते हैं. सीडीसी के मुताबिक, कई बार एडिनोवायरस संक्रमित व्यक्ति के मल से भी फैल सकता है.
जानिए क्या है बचाव के तरीके?
सीडीसी का कहना है कि इस वायरस से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर पर कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए. इसके अलावा, गंदे हाथों से आंख, नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए. साथ ही जो लोग बीमार हैं, उनके संपर्क में आने से भी बचकर रहना चाहिए. अगर आप बीमार हैं तो घर पर ही रहें और खांसते या छींकते समय टीशू का इस्तेमाल करें. इसके अलावा, अपने बर्तन दूसरों के साथ शेयर करने से भी बचें. सीडीसी के मुताबिक, एडिनोवायरस की कोई खास दवा या इलाज मौजूद नहीं है. ज्यादातर एडिनोवायरस की कोई खास दवा या इलाज मौजूद नहीं है. ज्यादातर एडिनोवायरस इन्फेक्शन में हल्के लक्षण होते हैं और दर्द या बुखार की दवा से ये ठीक हो जाता है.