राज्यपाल अनुसुईया उइके को दी गई भावभीनी विदाई…

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रायपुर 21 फरवरी 2023 : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके को आज राजभवन छत्तीसगढ़ से भावभीनी विदाई दी गई। राज्यपाल के प्रस्थान से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया एवं राज्यपाल ने सम्मान गारद का निरीक्षण किया। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पुष्पवर्षा कर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके का अभिवादन किया । तत्पश्चात् राज्यपाल सुश्री उइके मणिपुर राज्य के लिए रवाना हो गईं।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव एवं उपसचिव श्री दीपक अग्रवाल समेत राजभवन छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

ज्ञात हो कि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके को राष्ट्रपति द्वारा मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। गत दिवस राजभवन के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा राज्यपाल को भावभीनी विदाई दी गई थी। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने राज्य के नाम संदेश भी दिया और प्रदेशवासियों का आभार जताया ।

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता के हित में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। राज्यपाल सुश्री उइके के कार्यकाल का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैं-

 

01. विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों समेत अन्य प्रतिनिधिमण्डलों से

मुलाकात- 166

02. वेबिनार वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल- 61

03. विभिन्न सम्मेलनों में शामिल- 157

04. दीक्षंात समारोह में शामिल- 22

05. विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर- 73

06. प्रदेश के विभिन्न जिलों का प्रवास – 20 (रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद, गरियाबंद, दुर्ग, राजनांदगांव, सरगुजा, बस्तर, सूरजपुर, मुंगेली, कवर्धा, बालोद, रायगढ़, नारायणपुर, धमतरी, दंतेवाड़ा, कांकेर,कोण्डागांव )

07. विभिन्न राज्यों का दौरा- 09 (मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, नई दिल्ली, महाराष्ट्र)

08. 14 फरवरी 2022 की स्थिति में स्वेच्छा अनुदान के तहत स्वीकृत राशि – 2 करोड़ 46 लाख 55 हजार 2 सौ पैंतालीस रूपये

09. कुलाधिपति के रूप में विश्वविद्यालयों के अध्यादेशों का अनुमोदन -111

 

पेसा कानून

01 छत्तीसगढ़ प्रदेश जनजातीय बाहुल्य है और यहां की अधिकांश आबादी वन क्षेत्रों में निवासरत् हैं।

02 बस्तर व सरगुजा संभाग सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्से पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आते हैं जहां जनजातीय समुदाय को विशेष अधिकार प्राप्त हैं।

03 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पेसा कानून लागू करने के लिए प्रयास किए हैं। उक्त आशय से महत्वपूर्ण मंचों के माध्यम से नीति निर्माताओं को इससे अवगत कराया है और निरंतर पत्राचार के माध्यम से संवाद किया है।

04 परिणामस्वरूप जनजातीय समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री परिषद् की बैठक में लिए गए हैं। मंत्री परिषद् द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) (पेसा) नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। संविधान प्रदत्त इन अधिकारों से समूचे छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के हितों की रक्षा हो पाएगी।

सुपेबेड़ा

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित सुपेबेड़ा किडनी रोग से प्रभावित एक गांव है।

01 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने जुलाई 2019 में प्रदेश के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद अक्टूबर 2019 में सुपेबेड़ा गांव का दौरा किया।

02 राज्यपाल ने तत्काल इसके कारण व समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने न केवल पीड़ित परिवारों के परिजनों को सांत्वना दी बल्कि उन परिवारों का सहयोग करने के साथ-साथ आगे लोग इस बीमारी से ग्रसित न हों, इस दिशा में प्रयास किए।

03 राज्यपाल की पहल से सुपेबेड़ा के ग्रामीणोें को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 14 करोड़ रूपए की लागत के वाटर फिल्टर प्लांट की स्वीकृति भी दी गई।

04 राज्यपाल ने प्रशासन को भी सतत् रूप से सुपेबेड़ा के लोगों को सहयोग करने के निर्देश दिए थे। किडनी रोग के इलाज के लिए रायपुर आने वाले मरीजों को रक्त की उपलब्धता तथा भोजन व आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था।

05 राज्यपाल के प्रयास से सुपेबेड़ा में डायलिसिस की सुविधा की प्रारंभ की गई।

महिला सशक्तीकरण

वर्ष 2022 में महिलाओं के लिए आयोजित 07 कार्यक्रम में शामिल हुईं। साथ ही राज्यपाल सुश्री उइके ने स्वयं पहल करते हुए मार्च 2020 को राजभवन के दरबार हॉल में महिलाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया।

01 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास करती हैं।

02 प्राथमिकता के साथ महिलाओं से मिलना, उनके आयोजित कार्यक्रमों व सम्मान समारोह में शामिल होना तथा उन्हें प्रोत्साहित करने में राज्यपाल सुश्री उइके सदैव तत्पर रहती हैं।

03 प्रदेश के बस्तर व सरगुजा संभाग के प्रवास के दौरान जनजातीय समुदाय की महिलाओं से सीधा संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया और आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया ।

कोरोना संक्रमण के नियंत्रण व उपचार हेतु विशेष प्रयास एवं निर्देश

01 कोरोना के चुनौती भरे दौर में राज्यपाल प्रदेशवासियों के साथ खड़ी रहीं।

02 राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ हुई चर्चा में छत्तीसगढ़ से जुड़े विषयों को भी प्रमुखता के साथ रखा और अधिक से अधिक सहयोग का आग्रह किया।

03 जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से सतत् संपर्क कर कोरोना के स्थिति की जानकारी ली। अर्धसैनिक बलों के पैरामेडिकल स्टॉफ से मदद लेने का सुझाव दिया।

04 राज्यपाल सुश्री उइके ने दवाईयों की कमी से जुड़े भ्रांतियों को दूर करने को कहा तथा सुचारू रूप से दवाईयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

05 लॉकडाउन की विपरीत परिस्थिति में देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में फंसे नागरिकों, श्रमिकों, विद्यार्थियों को घर वापस पहुंचाने में भी राज्यपाल ने अपना सहयोग दिया। इस उद्देश्य से उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से बात की तथा विदेश मंत्री को भी पत्र लिखा, जिससे नागरिकों को काफी मदद मिली।

06 राज्यपाल एवं इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष सुश्री अनुसुईया उइके ने कोविड के दौरान आदिवासी जिलों को ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर एवं एयर प्यूरीफायर मशीन प्रदाय किये।

पांचवी अनुसूची के नगर पंचायतों के विघटन के लिए प्रयास

01 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के प्रयासों से पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों को जिन्हें नगर पंचायतों में शामिल कर लिया गया था, उनमें से कुछ क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्रों से विघटित कर पुनः ग्राम पंचायत में शामिल किया जा चुका है तथा कुछ ग्राम पंचायत के क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्रों से पृथक करने की कार्यवाही जारी है।

02 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के निरंतर प्रयास और पत्राचार के परिणाम स्वरूप पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के रहवासियों को लाभ मिला है।

 

विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं की भर्ती

01 आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा राज्यपाल के ध्यान में लाई गई समस्याओं के निराकरण करने के लिए राज्यपाल द्वारा राज्य शासन को समय-समय पर पत्र भेजा गया।

02 विशेष पिछड़ी जनजाति सदस्यों द्वारा भी राज्यपाल के ध्यान में यह लाया गया कि वर्ष 2013 से उनके लिए विशेष भर्ती अभियान बंद है। इस संबंध में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से चर्चा की और छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवाओं को पात्रतानुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी।

03 इसके साथ ही बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थानीय युवकों को भर्ती करने के लिए कर्मचारी चयन आयोग के गठन के प्रस्ताव को तत्काल मंजूरी दे दी।

04 इसी तरह जनजातीय सलाहकार परिषद के पृथक सचिवालय गठन के प्रस्ताव को भी बगैर कोई देरी किए हरी झंडी दे दी गई।

 

प्रदेश के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने हेतु प्रयास

01 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके की विशेष पहल से केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रदेश के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्यपाल प्रदेश के विभिन्न जनजातीय संगठनों से निरंतर मिलती रहती हैं और संगठनों ने राज्यपाल को मात्रात्मक त्रुटि के कारण कई समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलने के संबंध में जानकारी दी थी। राज्यपाल सुश्री उइके ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में 12 समुदायों के मात्रात्मक त्रुटि का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठाया था। इसी प्रकार राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से विभिन्न अवसरों पर हुई मुलाकात में भी जनजातियों के मात्रात्मक त्रुटि के संबंध में जानकारी देकर उचित कार्यवाही का आग्रह किया था।

02 केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के निम्न 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दी है। जिसमें भारिया भूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया ,भूईयां, भूयां, नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार। पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार, धनुवार दृ गदबा, गोंड के साथ गोंड़ कोंध के साथ कोंद कोड़ाकू के साथ कोडाकू नगेसिया, नागासिया के पर्याय के रूप में किसान, धनगढ़ का परिशोधन धांगड़ सावर सावर, सवरा के पर्याय के रूप में सौंरा, संवरा ।

आत्मसमर्पित नक्सलियों हेतु आवास

01 राज्यपाल ने नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में जाकर आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की।

02 राज्यपाल ने दंतेश्वरी महिला कमाण्डो से बातचीत कर नक्सली उन्मूलन में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली और सक्षम विद्यालय के दिव्यांग बच्चों से भेंटकर उनका उत्साहवर्धन भी किया।

03 दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पित लोगों से बात करने के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि नक्सलियों का साथ छोड़कर आत्मसमर्पित करने वाले ग्रामीणों के लिए मकान बनवाने की तत्काल घोषणा करें और वर्तमान स्थिति में दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए आवास पूर्ण हो चुके हैं।

रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य

01 राज्यपाल सुश्री उइके ने रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए निरंतर राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए प्रयास किया। इसके लिए राज्यपाल ने एम्बुलेंस भी प्रदान किया। साथ ही सोसायटी के कार्यों की सराहना करते हुए स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए दिशा निर्देशित किया।

02 कोविड के दौरान रेडक्रास सोसायटी की ओर से आदिवासी बाहुल्य जिलों को ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर तथा हाईजीन किट जैसे अन्य सामग्रियों को प्रदाय किया गया।

सूरजपुर के पण्डो समाज के स्वास्थ्य उन्नयन के लिए कार्य

राज्यपाल ने सूरज प्रवास के दौरान विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वेच्छा अनुदान से नवीन एंबुलेंस प्रदान की। इस एंबुलेंस में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के साथ निशुल्क दवाओं की भी सुविधा ग्रामीणों को मिल सकेगी।

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