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बलौदाबाजार,15 फरवरी 2023 : कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश पर जिला पंचायत के सभागार में कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में संबंधित विभाग के आंतरिक शिकायत समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे। महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी एल. आर. कच्छप द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के संबंध में पावर प्रेजेंटेशन द्वारा अधिनियम के प्रावधानो को विस्तार से बताया गया।
कार्यशाला में प्रभारी जिला पंचायत सीईओ हरिशंकर चौहान ने नारी शक्ति संबंधित प्ररेणा गीत गाकर महिलाओं को अपने कार्यस्थल पर अपने पुरूष सहकर्मियों पर कम से कम निर्भर रहने एवं एक महिला को दूसरी महिला सहकर्मी के साथ सहयोगात्मक व्यवहार करने की सुझाव दिया.इसके साथ ही डीपीएम अनुपमा तिवारी अपने कार्य अनुभव को साझा करते हुए हमेशा चुप्पी तोड़ने, सजग रहने, नवीन दायित्व को स्वीकार करने और स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण के साथ साथ महिलाओं को अपने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान रखने हेतु जोर दिया गया। सोशल वर्कर टुकेश्वर जगत ने मिशन वात्सलय योजना की जानकारी देते हुए बताया कि देखरेख संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे की जानकारी मिलने पर संपर्क करने कहा गया है। साथ ही चाईल्ड लाईन की जिला समन्वयक रेखा शर्मा द्वारा भी चाईल्ड लाईन के कार्यकलापो से अवगत कराया गया। इसी प्रकार सखी वन स्टॉप सेंटर की केन्द्र प्रशासक सुश्री तुलिका परगनिहा द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर के कार्य एवं उद्देश्य को विस्तार से बताया गया और आस पास किसी भी हिंसा से पीड़ित महिला जिसे सहायता एवं संरक्षण की आवश्यकता हो उसे सखी सेंटर में संपर्क करने कहा जाये। साथ ही महिलाओं का घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत नवाबिहान योजना की संरक्षण अधिकारी सुश्री मंजू तिवारी द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में विस्तार से बताते हुए न्यायालयीन प्रक्रिया से अवगत कराया एवं घरेलू हिंसा अगर किसी महिला के साथ घरेलू हिंसा हो रही है तो उसे विभाग में सपंर्क करने हेतु जानकारी दी गयी। गौरतलब है कि अधिनियम में जहां 10 या 10 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी किसी शासकीय, अशासकीय, प्राईवेट संस्थाओं में कार्यरत है। उन संस्थाओं में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के निर्देश है। अगर समिति का गठन नहीं किये जाने की स्थिति में 50 हजार रूपये राशि के जुर्माना का प्रावधान है एवं नोडल विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रति वर्ष वार्षिक रिर्पोट भी दिया जाना है।